कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाथरस रेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस के लिए रवाना हो गए हैं. कुछ समय बाद राहुल पीड़िता के परिवार से मुलाकात करेंगे. पीड़िता के परिवार के तरफ से ही राहुल गांधी से मिलने की इच्छा जताई गई थी. जिसके बाद आज राहुल गांधी मुलाकात करने जा रहे हैं. राहुल के हाथरस दौरे पर उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि राहुल गांधी लोगों को भड़काना चाहते हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आज हाथरस जाने पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, राहुल गांधी, आपमें निराशा की भावना है, आप हताशा के शिकार हैं. आपको यह भी नहीं पता कि हाथरस मामले की जांच सीबीआई ने कर दी है. मामला कोर्ट में चल रहा है. आज उत्तर प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, कानून व्यवस्था के मामले में नंबर 1 राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पूरे देश में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की चर्चा होती है.
#WATCH | On Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi to visit Hathras today, Uttar Pradesh Deputy CM Brajesh Pathak says, “Rahul Gandhi, you have a feeling of despair, you are a victim of frustration. You do not even know that the CBI has investigated Hathras case. The case is pic.twitter.com/kaVv5wqijW
— ANI (@ANI) December 12, 2024
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि आज हम कह सकते हैं. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति आ रही है, जबकि आप उत्तर प्रदेश को अराजकता की आग में, दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं,लोगों को भड़काना चाहते हैं. कृपया ऐसा न करें, मेरा आपसे अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर 1 राज्य बनने के लिए तैयार हो रहा है. आप पहले मनन करें, अध्ययन करें,विपासना करें और सोचे की क्या करना है. आए दिन आपकी ऊल जलूल हरकतों से जनता तं आ चुकी है.
राहुल के दौरे पर प्रशासन अलर्ट
हाथरस के बूलगढी़ गांव में राहुल गांधी पहुंच रहे हैं. इसी गांव की एक दलित युवती के साथ सितंबर 2020 के महीने में दरिंदगी हुई थी और फिर दिल्ली के एक अस्पताल में इस युवती की मौत हो गई थी. तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था. उस दौरान भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने परिवार से मुलाकात की थी. राहुल के इस दौरे को लेकर सुबह से ही प्रशासन काफी सतर्क है.
क्या है केस का अपडेट?
हाथरस की घटना के बाद पूरे देश में विरोध देखने को मिला था. विरोध के कारण उस समय सरकार ने एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था. जिसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीआई ने की थी. CBI ने 18 दिसंबर 2020 अपनी चार्जशीट पेश की थी, लेकिन पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपियों को बरी कर दिया गया था.
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