मध्य प्रदेश के रीवा में एक अजीब तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां एक युवक ने सरकारी नौकरी हासिल करने लिए पहले अपने फौजी चाचा को पिता बनाया और फिर अपने खुद के पिता की संपत्ति पर अधिकार जताने के लिए पिता का नाम बदल दिया है. जानकारी होने पर चचेरे भाई ने इस संबंध में कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मामला कोर्ट पहुंचते ही इस फर्जीवाड़े को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. फिलहाल मामला अदालत में लंबित है.
आरोपी के चचेरे भाई के वकील बीएल तिवारी के मुताबिक पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक पद से रिटायर्ड सच्चिदानंद उपाध्याय ने इस तरह का फर्जी वाड़ा किया है. उन्होंने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए पिता की जगह अपने फौजी चाचा के नाम का इस्तेमाल किया और पुलिस में नौकरी पा ली. वहीं पुलिस की नौकरी में 40 वर्ष तक सेवा के बाद रिटायर हुए हैं. वह अपनी पूरी नौकरी के दौरान अपने असली पिता रामनिरंजन उपाध्याय की जानकारी छिपाकर चाचा वंशीप्रसाद उपाध्याय के नाम का इस्तेमाल करते रहे.
नौकरी के लिए बदला पिता का नाम
नौकरी से रिटायर होने के बाद वह अपने पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा पाने के लिए एक बार फिर से अपने पिता का नाम बदल लिया है. इसके साथ ही इन्होंने अपने चाचा की वसीयत में भी दावा ठोंका है और उनके बेटे बनकर उनकी जमीन में अपनी हिस्सेदारी मांग रहे हैं. इसकी जानकारी होने पर वंशीप्रसाद के पुत्र राजेश उपाध्याय की शिकायत पर कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है. राजेश उपाध्याय के मुताबिक नौकरी में आरक्षण का लाभ पाने के लिए सच्चिदानंद उपाध्याय ने उनके फौजी पिता के नाम का इस्तेमाल किया.
कोर्ट में लगाई न्याय की गुहार
इसी नाम के साथ वह 40 साल तक नौकरी करते रहे. इसके लिए सच्चिदानंद उपाध्याय ने अपने विद्यालय के प्रमाण पत्र से लेकर नौकरी करने तक के सभी सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है. वहीं अब एक बार फिर इन सभी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर रहे हैं. पीड़ित चचेरे भाई ने इस संबंध में आरोपी के सभी आईडी कार्ड एवं संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं. कहा कि उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्हें कोर्ट का रूख करना पड़ा है.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link