इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद को सुलझाने के लिए लंबे समय से ‘टू स्टेट’ समाधान को लागू करने की वकालत की जाती रही है. इजराइली सरकारों ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए हमेशा से इसका विरोध जताया है लेकिन अब फ्रांस इस मामले में बड़ी पहल करने जा रहा है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सऊदी अरब के राजकीय दौरे पर हैं, अपनी यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को उन्होंने ऐलान किया है कि वह जून 2025 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मिलकर आजाद फिलिस्तीन की स्थापना के लिए कॉन्फ्रेंस की सह-अध्यक्षता करेंगे.
फिलिस्तीन के लिए फ्रांस-सऊदी की बड़ी प्लानिंग
मैक्रों ने इजराइल और संभावित फिलिस्तीन राष्ट्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि, ‘हमने अगले साल जून में कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का फैसला किया है.’ उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में सभी को इस रास्ते पर साथ लाने के लिए सऊदी अरब और फ्रांस मिलकर कूटनीतिक पहल को जोड़ते हुए आगे बढ़ाएंगे’
फिलिस्तीन को मान्यता कब देगा फ्रांस
मैक्रों से जब पूछा गया कि क्या वह फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देंगे तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा सही समय आने पर करेंगे. ऐसे समय पर जब यह इसकी मान्यता के आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद करे.
उन्होंने कहा कि हम यूरोपीय और गैर-यूरोपीय देशों के कई अन्य सहयोगियों को भी इसमें शामिल करेंगे जो इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं और फ्रांस के आगे बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.
‘टू स्टेट समाधान इजराइल के लिए भी उपयुक्त’
मैक्रों ने बताया कि फिलिस्तीन के साथ इजराइल को मान्यता दिलाने के आंदोलन को आगे बढ़ाना भी समानांतर लक्ष्य होगा, इसे लेकर मैक्रों का कहना है कि ऐसा करने से सुरक्षा के मुद्दे पर इजराइल की शंका को दूर किया जा सकेगा और लोगों को इस बात के लिए सहमत किया जा सकेगा कि टू स्टेट समाधान इजराइल के लिए भी उपयुक्त है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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