आम आदमी पार्टी के नेता अवध ओझा
दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपीएससी के सबसे मशहूर शिक्षकों में से एक अवध ओझा ने अपनी राजनीति पारी की शुरुआत कर दी है. एक दिन पहले यानी 2 दिसंबर को उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली. जिस समय उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की उस समय दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे. ओझा की ज्वाइनिंग के बाद से अब दिल्ली की सियासत गरम हो गई है. कहा जा रहा है कि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाना चाहती है.
आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद अब अवध ओझा ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत की और आम आदमी पार्टी में जाने के पीछे की वजह और भविष्य में अपने प्लान के बारे में भी बताया. ओझा ने चुनाव से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया और बताया कि भविष्य में उनका क्या प्लान है. जब अवध ओझा से पूछा गया कि अब एक राजनीतिक के तौर पर उनकी नई भूमिका उन्हें कैसी लग रही है तो इस पर अवध ओझा ने कहा कि बहुत अच्छी भूमिका लग रही है, बहुत ऊर्जावान महसूस कर रहा हूं.
अवध ओझा ने इन सवालों का दिया जवाब
सवाल- आप पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आपकी कोई एक विचारधारा नहीं है. पहले आप BJP से टिकट चाहते थे, फिर कांग्रेस से अमेठी मांग रहे थे और अब आम आदमी पार्टी, क्या आपकी कोई विचारधारा है भी या नहीं ?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि इल्जाम लगाने के लिए होते हैं. इल्जाम का मतलब है कि आपको निशाना बनाया जा रहा है और जब भी आप उठने की कोशिश करते हो. आपने कभी सुना कि किसी रिक्शा वाले या मजदूर पर किसी ने आरोप लगाए हो. तो आज मुझे इल्जामों को सुनना ही पड़ेगा. इल्जाम रूपी मिसाइल मेरे ऊपर आएगी मैं तैयार हूं. मैं अक्सर वीडियो में कहता हूं कि चलिए कोई रिस्पेक्टबल पोजीशन मिलनी चाहिए. शिक्षा का सुधार होना चाहिए. मैं पिछले 25 साल से IAS की फील्ड में हूं.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने देखा कि स्कूल से निकले बच्चों की सोचने की क्षमता ही नहीं थी और जो सुधार होते हैं वह सरकार ही कर सकती है. नीतियों को लागू करने का काम सरकार ही कर सकती है. मैंने अपने कई कार्यक्रम में कहा है कि आज की महाभारत में जो भी मुझे निमंत्रण देगा मैं उसकी तरफ से लडूंगा. तो आम आदमी पार्टी की तरफ से मुझे एक लाइन का मैसेज आया कि हम चाहते हैं कि आप हमारे शिक्षा के क्षेत्र में सहयोगी बने. उसे लाइन ने मुझे टच किया और मैंने कहा कि हम आपके सहयोगी हैं.
सवाल- आपने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो आपको लोगों को ये बताना पड़ेगा अरविंद केजरीवाल क्यों?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि जिस देश में मेजोरिटी लोग मानसिक नौकरी की मानसिकता लेकर बड़े होते हैं की नौकरी नहीं करोगे तो शादी नहीं होगी. उसी उम्र में एंटरप्रेन्योर बन रहा है और ऐसे ही लोगों की जरूरत है. जो खुद तो आत्म निर्भर बने दूसरों को भी रोजगार दे सके तो कितनी बड़ी बात है. अगर ऐसी चीज हो रही है तो ऐसे आदमी के साथ कौन नहीं रहना चाहेगा.
सवाल- अरविंद केजरीवाल पर मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का आरोप लगता है आप इसको कैसे जस्टिफाई करेंगे?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि फ्रीबीज कहां बांटते हैं? ह्यूमन रिसोर्स दुनिया का सबसे बड़ा रिसोर्स है. हम एग्रीकल्चर में क्या करते हैं. हम गन्ने पर रेवेन्यू नहीं लेते. हम कृषि से रेवेन्यू नहीं लेते, लेकिन गन्ने से जो सीरा बनेगा. सीरे से जो शराब बनेगी उसे पर हम रेवेन्यू लेंगे.
एक फ्री बांटना होता है की मछली उठा कर दे दी कि ये मछली ले जाओ. एक होता है कि हम आपको मछली मारने की मशीन देंगे, पानी देंगे और आपको उसके तरीके सिखाएंगे तो फ्रीबीज नहीं कही जाती. वह रिसोर्स एडमिन कहा जाता है कि आपका ह्यूमन रिसोर्स में एडमिट हो रही है. पूरे देश में ऐसा ही होना चाहिए. जापान एक देश है जिसके पास नेचुरल सोर्सेस न के बराबर है. हुमन रिसोर्स में उसकी इकोनामी आप देखिए. ह्यूमन रिसोर्स के दो बिंदु हैं. एक एजुकेशन और एक हेल्थ. दोनों मजबूत होंगे तो आने वाले समय में देश की स्थिति और मजबूत होगी.
सवाल- आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं और नेता छोड़कर जा रहे हैं. ऐसे वक्त में पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं तो इस बैगेज को आप आगे लेकर कैसे चलेंगे?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि भगवान राम के ऊपर आरोप लगा दिए की पत्नी की अग्नि परीक्षा ली. आपके जीवन का हिस्सा है. वह भी जब आप इस क्षेत्र में जा रहे हैं या तो आप किसी की नजर में है या आप किसी के नजर से नीचे हैं. तो जब आप राजशाही की दौड़ में है तो आरोप तो लगेंगे ही.
सवाल- शिक्षा के क्षेत्र में आप क्या बदलना चाहेंगे?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि मैं कुछ बदलना नहीं चाहूंगा. जो चल रहा है उसको सशक्त करूंगा.
सवाल- एक वीडियो में आपसे पूछा गया था कि राहुल गांधी या मोदी कौन बेहतर है? अब आपसे पूछा जाएगा अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी और मोदी में से देश और दिल्ली के लिए कौन बेहतर होगा?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि अब तो शायद कोई मुझसे पूछेगा ही नहीं क्योंकि सबको पता लग गया होगा. सीधी सी बात है. आप किसके साथ हैं. श्री कृष्ण से जब पूछा जाएगा कि आप किसके साथ है तो वो कहेंगे कि पांडवों के साथ हूं. एक बार जब किसी के साथ चले गए तो उसके हो गए. तब तो सवाल ही नहीं बनता.
सवाल- क्या अवध ओझा सक्रिय राजनीति में आएंगे, चुनाव लड़ेंगे?
जवाब- अवध ओझा ने कहा कि मैंने पार्टी के ऊपर छोड़ दिया है. अगर चुनाव लड़ने का मौका देंगे तो चुनाव जरूर लड़ेंगे.
– India Samachar
.
.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link