Noida News :
गौतमबुद्ध नगर के किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस समय किसान नोएडा एक्सप्रेसवे किनारे स्थित दलित प्रेरणा स्थल में बैठे हुए हैं। वहां पर मंगलवार की सुबह सरकार और अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए हवन किया गया। इस दौरान आहुति देते हुए किसान नेताओं ने कहा, “ईश्वर सरकार को सद्बुद्धि दें।”
“अफसर बोल रहे झूठ”
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा, “जिले के किसान काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। बार-बार आंदोलन करने पर अधिकारियों के द्वारा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इसका समाधान किया जा रहा है, लेकिन यह झूठा आश्वासन होता है।
7 दिन का समय अफसरों ने मांगा
सुखबीर खलीफा ने आगे कहा, “असल में तीनों प्राधिकरण और सरकार किसानों के इन मुद्दों के साथ समस्याओं पर समाधान नहीं करवाना चाहती। इस वजह से किसान अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। फिलहाल अधिकारियों ने 7 दिनों का समय मांगा है। इसलिए 7 दिन तक नोएडा दलित प्रेरणा स्थल में किसान आंदोलन करते रहेंगे। अगर मांग पूरी नहीं हुई तो आगामी 9 दिसंबर को दोबारा से दिल्ली कूच किया जाएगा।”
“दिल्ली जाएंगे या रास्ते में बैठेंगे किसान”
इस आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण पर हमला किया है। राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की मांगों को सुना नहीं जाएगा तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है। भूमि अधिग्रहण के नाम पर किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं। किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। यह नीतियां किसानों के हितों के खिलाफ हैं। गौतमबुद्ध नगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना तीन प्राधिकरण हैं। जहां किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है। यहां तक सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से किसानों को 64 प्रतिशत अधिक मुआवजा देने को कहा है, लेकिन सरकार नहीं कर रही। किसानों को 10 प्रतिशत जमीन देने का भी वादा किया गया था, लेकिन सभी किसानों को वह जमीन नहीं दी जा रही है। कुछ प्लॉट की मांग रही, लेकिन सरकार वह भी नहीं दे रही है। नौकरी भी नहीं दी जा रही है। किसान क्या करेगा? या तो दिल्ली जाएगा या वहीं पर रहेगा।”
“जुड़ेंगे तो जीतेंगे” और “बंटेंगे तो कटेंगे” पर चले किसान
हाल ही में राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नारा दिया था कि “बंटेंगे तो कटेंगे” और “जुड़ेंगे तो जीतेंगे” इसी नारी को लेकर किसानों ने आगे की रणनीति तैयार की है किसानों का कहना है कि हम एक साथ हैं और आगे की लड़ाई भी एक साथ लड़ी जाएगी। किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटा जाएगा और ना ही किसान अलग-अलग होंगे। अब अगले 7 दिनों तक दलित प्रेरणा स्थल में किसान रहेंगे। सात दिन बाद अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और अगर अधिकारियों ने समाधान नहीं निकला तो सिस्टम के खिलाफ दिल्ली जाएंगे। किसानों का साफतौर पर कहना है कि अब पीछे नहीं हटने वाले, यह लड़ाई अंतिम सांस तक जाएगी।
क्या हैं किसानों की मांगें?
गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए 4 गुना मुआवजा दिया गया। जबकि गौतमबुद्ध नगर को चार गुना मुआवजे के लाभ से वंचित रखा गया है। इसके अलावा 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है। नए कानून के लाभ जिले में लागू करने पड़ेंगे। किसानों की प्रमुख मांगों में 10 फीसदी विकसित भूखंड, हाई पावर कमेटी की सिफारिशों और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ दिया जाना शामिल है। ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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