पाकिस्तान एक बार फिर अशांत है. राजधानी इस्लामाबाद में बवाल मचा है. जगह-जगह आग लगी है. जेल में बंद इमरान खान सीधे शहबाज शरीफ को चुनौती दे रहे हैं. इमरान खान के समर्थकों ने इस्लामाबाद को बंधक बना लिया है. ये वो समर्थक हैं जो पिछले 3-4 दिनों में पैदल चलकर इस्लामाबाद आए. पाकिस्तानी हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद आने से रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन जनता ने बैरिकेडिंग तोड़कर इस्लामाबाद की तरफ कूच किया और इस्लामाबाद जंग का मैदान लगने लगा.
उपद्रव रोकने के लिए सेना बुलानी पड़ी. देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े लेकिन इसके बाद भी इमरान की नियाजी सेना मैदान में डटी रही और सेना से मोर्चा लेते रही. बवाल के दौरान सुरक्षाबलों ने इमरान खान की बुशरा बीबी के कंटेनर में आग लगा दी. बुशरा बीबी इसी कंटेनर से इस्लामाबाद पहुंची थीं. घटना के वक्त वह दूसरी गाड़ी में थीं. सेना की फायरिंग में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है.
बुशरा बीबी सेना की कार्रवाई पर भड़क गई हैं. उन्होंने कहा है कि जब तक इमरान खान नहीं मिलेंगे, हम नहीं हटेंगे. उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब आप लोगों ने ये वादा करना है कि इमरान खान साहब जब तक हमारे बीच में नहीं आ जाएंगे आप अपनी जगह को नहीं छोड़ेगे और ये मेरा आप से वादा है कि मैं आखिरी होऊंगी जो खान साहब को चौक से लेकर निकलूंगी.
पाकिस्तान सरकार और सेना के निशाने पर बुशरा बीबी क्यों?
बुशरा बीबी सरकार के खिलाफ आंदोन का नेतृत्व कर रही हैं. वह प्रदर्शनकारियों की हौसलाफजाई कर रही हैं. इमरान खान का संदेश समर्थकों तक पहुंचा रही हैं. बुशरा बीबी ने जेल में इमरान से दुर्व्यवहार की बात बताई. उन्होंने इमरान खान के एक्स हैंडल से अपने समर्थकों के लिए संदेश भेजा, जिसमें कहा गया है आखिरी बॉल तक खेलो.
पीटीआई ने रोका प्रदर्शन
इमरान खान की पार्टी ने औपचारिक रूप से अपना विरोध प्रदर्शन रोक दिया और इसके लिए आधी रात को की गई अधिकारियों की कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया. अधिकारियों ने सड़कें फिर से खोलनी शुरू कर दीं और उन स्थानों की सफाई शुरू कर दी है, जहां पीटीआई के तीन दिन के विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ हुई थी.
पार्टी ने कहा कि खान के निर्देशों के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा. पिछले वर्ष अगस्त से जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए अंतिम आह्वान किया था. यह आह्वान उन्होंने 13 नवंबर को किया था.
इमरान खान ने कथित तौर पर जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और संविधान के 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी. संविधान के 26वें संशोधन पर उन्होंने कहा था कि इसने तानाशाही शासन को मजबूत करने का काम किया है. इमरान खान पिछले साल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के अनुसार, उन पर 200 से अधिक मामले दर्ज हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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