उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के गीडा में पान मसाला बनाने वाली कंपनी शुद्ध प्लस के जीएम से 13 और 14 नवंबर को जालसाजों ने 2.70 करोड़ रुपये की ठगी की थी. इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने तेलंगाना से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
शुद्ध प्लस कम्पनी के जीएम रमेश कुमार के मोबाइल पर 13 सितंबर को मालिक अमर तुलस्यान की डीपी लगे मोबाइल नंबर से मैसेज आया कि मैं नया नंबर ले लिया हूं और आपको कोई भी गोपनीय मैसेज इसी नंबर से करूंगा. फिलहाल आज मैं एक खाता भेज रहा हूं, उसमें 90 लाख और एक दूसरा खाता आईसीआइसीआई बैंक का है, उसमें कल 1.80 करोड रुपए नए प्रोजेक्ट के लिए भेज देना.
जीएम से कैसे ठगे 2.70 करोड़?
इस मैसेज के मिलने के बाद जीएम ने पहले दिन 90 लाख रुपए यस बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए और फिर 14 नवंबर को उन्होंने मैसेज के अनुसार 1.80 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए. जालसाजी की जानकारी होने पर जीएम ने अज्ञात जालसाजॉन के खिलाफ केस दर्ज करवाया था.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि जालसाजों ने हैदराबाद के यस बैंक में 90 लाख व आइसीआइसीआइ बैंक में 1.80 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए थे. यस बैंक का खाता तेलंगाना के जगित्याल जिले के पुचमा वाडा के रहने वाले अल्ले सत्यम के नाम से खोला गया था. वह बैंक में जाकर खुद को एक बाइक कंपनी का डीलर बताया था और उसी के आधार पर उसने करेंट एकाउंट खुलवाया था.
इस काम में जगित्याल जिले के चिलावाकुडुर के रहने वाले मेटापल्ली रमेश ने खाता खुलवाने में उसकी मदद की थी. ऐसे में क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों को हिरासत में लेकर गोरखपुर चली आई है और पूछताछ कर रही है. उनके बताएं नाम के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. क्योंकि उन लोगों ने पूछताछ में बताया है कि हम लोग जो भी पैसा अपने खाते में मांगते थे उसका 3% हम लोगों को कमीशन मिलता था. इसी लालच में हम लोगों ने खाता खुलवाया था. इसके अलावा पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि इन लोगों ने बहुत सारे लोगों को यही लालच देकर उनका भी खाता खुलवाया है.
आइसीआइसीआइ बैंक के खाते में 1.80 करोड़ रुपया ट्रांसफर हुआ था. उसके खाताधारक तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है. उसकी गिरफ्तारी के लिए भी लगातार पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.
कंबोडिया से क्या है कनेक्शन?
जिस वाट्सऐप नंबर से शुद्ध प्लस के जीएम को मैसेज किया गया था, उसका संचालन कंबोडिया से हो रहा था. आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस की जांच में यह बात प्रकाश में आई है. इस नंबर का सिम लखीमपुर खीरी से एक मदरसा छात्र के नाम पर लिया गया था.जालसाजों ने जो भी रुपये ट्रांसफर करवाए थे, उसे देश के अलग-अलग बैंक शाखाओं में लालच के चलते लोगों के खोले गए 50 अकाउंट में ट्रांसफर कराया था.
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
इस संबंध में एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल का कहना है कि पूरे मामले को क्राइम ब्रांच गंभीरता से ले रही है. दो आरोपी गिरफ्त में आ चुके हैं. शेष की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है. जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया जाएगा.
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