कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में चल रही पांचवी लैंड माइन बैन संधि की समीक्षा बैठक में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी देशों से अपील की कि वे लैंड माइन का प्रयोग खत्म करें. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की यह अपील उस समय आई है जब यूक्रेन-रूस युद्ध में अमेरिका ने यूक्रेन को लैंड माइन देने का ऐलान किया है.
बैठक में बोलते हुए गुटेरेस ने कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों से अपील करता हूं कि वे लैंड माइन का प्रयोग रोकें. जिन्होंने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, वे इसे पूरी तरह से लागू करें, और जो देश इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें मैं इस संधि में शामिल होने का निमंत्रण देता हूं. आगे उन्होंने कहा, “बिना लैंड माइन की भी यह दुनिया संभव है.
पोप फ्रांसिस का बयान पढ़ा गया
इस बैठक में पोप फ्रांसिस का बयान पढ़ते हुए डिप्टी पिएत्रो पारोलिन ने कहा, “एंटीपर्सनल लैंड माइन का प्रयोग दुनिया भर के देशों में हो रहा है. यह एक ऐसा हथियार है जिसका प्रयोग सबसे ज्यादा नागरिकों की जान ले रहा है. यह ऐसा हथियार है जो युद्ध के कई सालों बाद तक लोगों को प्रभावित करता रहता है. मैं दुनिया के सभी देशों से इसका प्रयोग और उत्पादन रोकने का निवेदन करता हूं.
क्या है लैंड माइन संधि?
कनाडा के ओटावा में 1997 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन यह 1999 में प्रभाव में आई. इस संधि के तहत यह प्रावधान था कि सदस्य सभी देश लैंड माइन के प्रयोग को धीरे-धीरे न्यूनतम स्तर तक लाएंगे. हालांकि, इस संधि पर कई देशों ने हस्ताक्षर नहीं किए, जिनमें दुनिया में लैंड माइन का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले देश अमेरिका, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और रूस शामिल हैं.
अभी भी हो रहा है प्रयोग
लैंड माइन मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में भी कई देश इसका प्रयोग कर रहे हैं. खासकर रूस, म्यांमार, ईरान और उत्तर कोरिया में इसका प्रयोग बढ़ा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोलंबिया, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान में नॉन-स्टेट आर्मड ग्रुप्स भी इसका प्रयोग कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में करीब दो दर्जन से ज्यादा देशों में इसका प्रयोग हो रहा है. पिछले साल इसके कारण 5,757 लोगों की मौत हुई.
यूक्रेन-रूस युद्ध में इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है. रूस में युद्ध में इसका प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर हुआ है, जिससे कई नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है. कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने यूक्रेन को लैंड माइन देने का ऐलान किया है.
कंबोडिया सबसे ज्यादा प्रभावित
अपने संबोधन में गुटेरेस ने कंबोडिया को लैंड माइन के खिलाफ चलाए गए अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि कंबोडिया को दूसरे देशों को अपना अनुभव साझा करना चाहिए. कंबोडिया लगभग एक दशक तक युद्ध और गृह युद्ध के कारण दुनिया का सबसे ज्यादा लैंड माइन से प्रभावित देश था. लेकिन वहां की सरकार ने इसे देश से हटाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया, जिसमें सफलता भी मिली.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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