भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में 24 नवंबर को राजधानी इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया गया. सरकार ने इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया था. एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान पुलिस ने 4 हजार से ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया है. यह विरोध प्रदर्शन जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर किया गया था.
पंजाब प्रांत के एक सुरक्षा अधिकारी शाहिद नवाज ने समर्थकों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जिसमें पांच सांसद भी शामिल हैं. सरकार ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कई कदम उठाए. अधिकारियों ने इस्लामाबाद को शिपिंग कंटेनरों से सील कर दिया है और शहर को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में पीटीआई के गढ़ों से जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया.
इमरान खान ने किया था प्रदर्शन का ऐलान
पीटीआई पार्टी के पूर्व चीफ इमरान खान ने 13 नवंबर को इस विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था, उन्होंने कहा यह गुलामी की बेड़ियां तोड़ने के लिए यह प्रदर्शन है. पीटीआई पार्टी की कोशिश सरकार पर दबाव बनाने की है, जिससे जेल में बंद उनके नेताओं की रिहाई हो सके. इमरान खान पिछले 1 साल से 150 से ज्यादा केस में जेल में बंद है.
पाकिस्तान में 25 से 27 नवंबर तक बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको दौरे पर रहेंगे. 24 नवंबर को उनके प्रतिनिधिमंडल के 80 लोग देश में पहुंचे. इसी के चलते ही पाकिस्तान सरकार ने पीटीआई के इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश की.
स्कूल बंद, इंटरनेट ठप, धारा 144 लागू
विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस और पीटीआई समर्थकों के बीच झड़प हुई. साथ ही आंसू गैस भी छोड़े गए. सावधानी बरतते हुए सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट, मोबाइल सेवाओं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सस्पेंड कर दिया. सोमवार को इसलामाबाद और पंजाब प्रांत में सभी स्कूल कॉलेज को बंद करने आदेश दिया गया है.
देश के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा था सरकारी बिल्डिंग को सील कर दिया जाएगा और अगर किसी ने भी उन तक पहुंचने की कोशिश की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. PTI कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए इस्लामाबाद की 37 सड़कों पर बड़े-बड़े कंटेनर रख दिए गए थे, जिनकी तस्वीरें भी सामने आई थी.
साथ ही बड़ी संख्या में प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई. संसद, सुप्रीम कोर्ट समेत सभी महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. शहर में धारा 144 लागू कर दी गई थी और दो महीने के लिए सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान की पीटीआई पार्टी के विरोध प्रदर्शनों से पिछले 18 महीनों में सरकारी खजाने को 2.7 अरब पीकेआर से अधिक का नुकसान हुआ है. इसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट करने की लागत भी शामिल है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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