Noida News :
नोएडा में फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है। जहां एक व्यक्ति को 11 साल इंतजार करने के बाद भी उसका फ्लैट नहीं मिला। इस घटना में बिल्डर ने न केवल खरीदार से पैसे वसूले, बल्कि उसी फ्लैट को किसी और को बेचकर कब्जा भी दिला दिया। यह मामला लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। कंपनी के सात निदेशकों पर मामला दर्ज किया गया है।
सपनों को पूरा करने के लिए बैंक से लिया 16.91 लाख रुपये का लोन
गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी मनीष कुमार शर्मा ने नवंबर 2013 में सेक्टर-137 स्थित ब्लॉसम काउंटी प्रोजेक्ट के टावर-एल में फ्लैट नंबर 1401 बुक किया था। फ्लैट की कुल कीमत 54.44 लाख रुपये तय की गई थी। इसके लिए दिसंबर 2013 में मनीष ने बिल्डर के साथ बायर्स एग्रीमेंट साइन किया। बुकिंग के दौरान मनीष ने 3.61 लाख रुपये का चेक दिया और फिर दिसंबर 2013 में 12.39 लाख रुपये का दूसरा भुगतान किया। इसके अलावा उन्होंने बैंक से 16.91 लाख रुपये का लोन लिया जिसके लिए बिल्डर और लोन देने वाली कंपनी के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ। कुल मिलाकर मनीष ने 32.91 लाख रुपये का भुगतान किया।
मनीष कुमार शर्मा के साथ हुआ बड़ा धोखा
मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि बिल्डर को तीन साल में फ्लैट का पजेशन देना था। यानी वर्ष 2016 तक फ्लैट मनीष के पास होना चाहिए था। उसके बावजूद 10 साल गुजर जाने के बावजूद उन्हें न तो फ्लैट का कब्जा मिला और न ही कोई संतोषजनक जवाब। उसके बाद 23 मार्च 2023 को नोएडा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार, बिल्डर ने यह फ्लैट किसी और को बेच दिया था और उसे कब्जा भी दिला दिया। जब मनीष ने सेक्टर-16 स्थित बिल्डर के कार्यालय से संपर्क करना चाहा तो पाया कि कार्यालय बंद पड़ा है।
न्यायालय का आदेश पर मुकदमा दर्ज
मनीष ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर थाना फेज-1 पुलिस ने मामला दर्ज किया। लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के 7 निदेशक शक्ति नाथ, विक्रम नाथ, देवेंद्र मोहन सक्सेना, हेमंत शर्मा, दिलीप कुमार सिंह, मीना नाथ और शिवम झा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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