News9 ग्लोबल समिट के दूसरे दिन गोल्डेन बॉल सेशन का आगाज करते हुए TV9 के एमडी और सीईएओ बरुण दास ने एक बार फिर भारत और जर्मनी के संबंधों की गहराई को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि आज के सेशन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारत और जर्मनी मिलकर दुनिया में भविष्य की नई लकीर खींच सकते हैं. बरुण दास ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ जर्मनी में बाडेन-वुर्टेमबर्ग के मंत्री-राष्ट्रपति विनफ्रेड क्रेशमैन (Winfried kretschmann) का स्वागत करते हुए फेडेरल मंत्री सेम ओजदेमिर (Chem Ozdemir) के संबोधन की जमकर प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि जर्मनी के खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में सेम ओजदेमिर ने अहम विंदुओं की ओर इशारा किया है. उन्होंने अपने संबोधन में उन पहलुओं पर जोर दिया है कि भारत और जर्मनी एक साथ सामने आगे आकर कैसे आशाओं से भरपूर और टिकाऊ भविष्य को सुदृढ़ बना सकते हैं.
चुनौतियों से निपटने में मददगार होगा सम्मेलन
बरुण दास ने इस दौरान डिजिटल भविष्य को लेकर जाने-माने कानूनविद और यूरोपीयन यूनियन के पूर्व ऊर्जा मंत्री गुंथर ओटिंगर (Gunther Oettinger) के विजन को भी काफी अहम बताया. उन्होंने कहा कि आज के सत्र में सभी वक्ताओं ने अहम विषयों पर बहुत ही उपयोगी विचार व्यक्त किये. उन्होंने सभी मेहमान वक्ताओं का आभार जताया. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आज के विचार-विमर्श दुनिया के सामने की चुनौतियों से निपटने में मददगार होंगे.
बरुण दास ने इस दौरान फोर्ड मोटर्स के संस्थापक हेनरी फोर्ड के कथन को दोहराया. उन्होंने कहा कि उनका कथन मुझे काफी प्रिय है और दुनिया में विकास के साथ-साथ मानवता की रक्षा के लिए काफी अहम है. उन्होंने कहा था- साथ आना एक शुरुआत है, साथ रहने से प्रगति होती है और साथ में काम करने से सफलता मिलती है. बरुण दास ने हेनरी फोर्ड का यह कथन पहले जर्मन और फिर उसे अंग्रेजी में अनुवाद करके सुनाया.
बाडेन-वुर्टेमबर्ग की मेहनतकश जनता की सराहना
उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि आज इस जगह पर यहां एकजुट हैं. बाडेन-वुर्टेमबर्ग ना केवल उद्यमशीलता में नवाचार के लिए जाना जाता है बल्कि बाहरी लोगों के स्वागत के लिए भी विख्यात है. बाडेन-वुर्टेमबर्ग ने दुनिया में इकोनॉमी में बेहतरीन स्थान बनाया है. पिछले साल वस्तु और सेवा के क्षेत्र में अच्छी खासी कमाई की है. बरुण दास ने बाडेन-वुर्टेमबर्ग की मेहनतकश जनता की सराहना की.
उन्होंने इस दौरान कहा कि सन् 1968 में जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, तब भारत महज 20 का युवा राष्ट्र था, तभी से जर्मनी के बाडेन-वुर्टेमबर्ग से भारत के महाराष्ट्र से विशेष रिश्ता कायम है. बाडेन-वुर्टेमबर्ग का मुंबई से सिस्टर सिटी जैसा संबंध विकसित हो गया. उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा रिश्ता है, जोकि विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग के चलते दशकों से मजबूत हो गया है.
महाराष्ट्र और बाडेन-वुर्टेमबर्ग के बीच ऐतिहासिक समझौता
बरुण दास ने उदाहरण के तौर पर इस दौरान महाराष्ट्र और बाडेन-वुर्टेमबर्ग के साथ हुए समझौते का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि यह समझौता कुशल कार्यकर्ताओं की भर्ती को लेकर था. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारा आज का यह आयोजन हमारे संबंधों को और भी सफलता दिलाने वाला साबित होगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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