सिख दंगा पीड़ितों को नियुक्ति पत्र सौंपते दिल्ली के LG विनय सक्सेना
1984 के सिख विरोधी दंगों में पीड़ितों को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना की ओर से बड़ी सौगात मिली है. एलजी वीके सक्सेना ने गुरुवार को इस कड़ी में सिख विरोधी दंगों के 47 पीड़ितों को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं. वहीं, सेवा की आयु पार कर चुके लाभार्थियों के उत्तराधिकारियों को 6 अतिरिक्त नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे. एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है.
पश्चिम दिल्ली के तिलक विहार इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में विनय सक्सेना ने दंगा पीड़ितों को यह नियुक्ति पत्र सौंपे हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि नियुक्ति के लिए दाखिल 437 लंबित आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है. तिलक नगर में मुख्यत: 1984 के सिख दंगों के पीड़ित रहते हैं. वहीं, दिल्ली के एलजी ने पीड़ितों की समस्याओं के समाधान में तेजी लाने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया.
समाधान के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश
बयान के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने राजस्व विभाग को दंगा पीड़ितों की समस्याओं के समाधान में तेजी लाने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया. सक्सेना ने कहा कि कॉलोनी, जिसे आमतौर पर विधवा कॉलोनी कहा जाता है, उसका नाम निवासियों की सिफारिशों के आधार पर बदला जाएगा. उन्होंने पीड़ितों के परिजनों के लिए भर्ती योग्यता में छूट की मांग वाले एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी.
उन्होंने कहा कि 1984 के दंगे भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा थे. बयान के मुताबिक, पिछले महीने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने उपराज्यपाल से सभी पात्र आवेदकों के आवेदन पर विचार करने का आग्रह किया था. गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की ओर से दिए गए आवेदन में उन लाभार्थियों के उत्तराधिकारी भी शामिल हैं, जो सेवा की आयु पार कर चुके थे या जिनकी मौत हो चुकी थी.
यह उनके जीवन में आत्मसम्मान लौटाने का प्रतीक- LG
उपराज्यपाल ने कहा कि 1984 सिख विरोधी दंगों का दंश झेल रहे 47 पीड़ितों को भर्ती योग्यता में छूट देने के बाद नियुक्ति प्रस्ताव पत्र दिए गए. साथ ही संबंधित विभाग को 437 अन्य आवेदनों के सत्यापन को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि इन परिवारों के लिए यह केवल नौकरी नहीं, बल्कि उनके जीवन में एक नई शुरुआत और आत्मसम्मान लौटाने का प्रतीक है.
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उन्होंने कहा कि सरकारी उपेक्षा के कारण हुए 40 सालों के विलंब के बाद आज इन पीड़ितों को नियुक्ति प्रस्ताव पत्र प्रदान करना संतोषजनक रहा. इस वीभत्स घटना में अपने परिजनों को खोने का दर्द कभी कम नहीं हो सकता. लेकिन पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और करुणा भाव से उन जख्मों पर मरहम जरूर लगाया जा सकता है.
– India Samachar
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