‘लापता लेडीज’ से पूरी दुनिया में धूम मचाने वाले रवि किशन जल्द ही अजय देवगन की ‘सन ऑफ सरदार’ में नजर आने वाले हैं. अपने करियर में रवि किशन ने सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि तमिल, तेलुगू, कन्नड़, गुजराती, मराठी फिल्मों में भी काम किया है. लेकिन भोजपुरी इंडस्ट्री से रवि किशन का दिल का रिश्ता है. यही वजह है कि फिलहाल इस इंडस्ट्री का हो रहा बुरा हाल उन्हें परेशान करता है. टीवी9 हिंदी डिजिटल के साथ की खास बातचीत में रवि किशन ने अपना ये दर्द बयां किया.
रवि किशन ने कहा,”भोजपुरी इंडस्ट्री के मेरे जो जूनियर सुपरस्टार हैं, वो ये नहीं समझते कि उन्हें इस इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए. मैंने भोजपुरी फिल्म ‘कब होइ गवना हमार’ के लिए एक नेशनल अवार्ड भी जीता था. लेकिन अब ये लोग पैसा, बीएएमडब्लू गाड़ी, बंगला, रेंज रोवर में ही रह गए हैं. मेरे बाद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ने अच्छी स्क्रिप्ट नहीं ढूंढी, अच्छे स्क्रिप्ट राइटर पर इन्वेस्ट नहीं किया. कहानियों पर किरदारों पर किसी ने मेहनत नहीं ली. पता नहीं लेकिन ये सब बहुत भटक गए हैं. अब तो मुझे इस इंडस्ट्री का आगे का सफर मुश्किल लग रहा है, क्योंकि थिएटर में ऑडियंस नहीं जा रही हैं.”
डिजिटल हो गई है भोजपुरी इंडस्ट्री
आगे रवि किशन बोले,”अब ज्यादातर भोजपुरी फिल्में डिजिटल पर आ गई हैं. मैंने एक बहुत बड़ा सपना देखा था और उस सपने को पूरा करने के लिए मैंने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री खड़ी की थी. लेकिन अब इसे देखकर बहुत दुख होता है. ये सारे मेरे छोटे भाई ही हैं. लेकिन मैं आपके माध्यम से सबको कहना चाहता हूं कि अब तो बहुत मुश्किल है. अगर वो मेरा सम्मान करते हैं, मुझे भाई मानते हैं, मेरे पैर छूते हैं, तो उन्हें भी हमारी तरह मेहनत करनी होगी. जो मेहनत मैंने, मनोज तिवारी और निरहुआ ने की थी, वो मेहनत अब उन्हें करनी होगी और इस इंडस्ट्री को फिर एक बार खड़ा करना होगा.”
जानें क्यों दुखी हैं रवि किशन
क्यों भोजपुरी फिल्में अपना कमाल नहीं दिखा पा रही है इस बारे में बात करते हुए रवि किशन बोले,”मैंने इस इंडस्ट्री को बनाने के लिए दिन रात काम किया था. कम पैसे में काम किया था. ये लोग इसे बरकरार नहीं रख पाए, ये देखकर मुझे बहुत दुख होता है. दरअसल ये लोग रोज लाइव आ जाते हैं. टीवी पर, सोशल मीडिया पर दिखाई देते हैं, तो जब इन्हें लोग फ्री में देख पा रहे हैं, तो वो उन्हें पैसे देकर थिएटर में क्यों देखने जाएंगे. ये बात वो लोग नहीं समझ पा रहे हैं. पैसे तो इन सबको अच्छे मिल रहे हैं. लेकिन इस इंडस्ट्री में जो बाकी कैमरा के पीछे काम करने वाले लोग हैं, वो तो भूखे मर जाएंगे.”
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