विस्तार
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के बॉयज हॉस्टल में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के रहने वाले युवक विकास की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक की मौत नशे की ओवरडोज और दम घुटने से बताई जा रही है। वहीं, एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है।
पीयू के हॉस्टल में रहने वाले दोस्त के मोबाइल से चार वीडियो मिले हैं, जिनमें से एक में आर्यन कंबल से विकास की नाक दबा रहा है। वहीं, परीक्षित कह रहा है कि अच्छे से दबा ताकि दोबारा उठे ही नहीं। पुलिस ने युवक के साथ नशा करने वाले आर्यन प्रभात व परीक्षित कौशल के खिलाफ गैर-इरादन हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर अदालत से एक-एक दिन का रिमांड लिया है।
अपने दोस्तों से मिलने आया था विकास
मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि पीयू के बॉयज हॉस्टल नंबर-7 के कमरा नंबर-93 में सोमवार को कुल्लू के रहने वाले विकास अपने दोस्त प्रणव व आर्यन प्रभात से मिलने आया था। एफआईआर के अनुसार प्रणव मिलने के बाद चला गया और विकास अपने दोस्त प्रभात के कमरे पर ही रुक गया। इसके बाद विकास, प्रभात व एक अन्य दोस्त परीक्षित ने पहले शराब पी, इसके बाद इंजेक्शन लगाया और फिर चरस से भरी सिगरेट पी।
मंगलवार सुबह पौने दस बजे जब विकास नहीं उठा तो उसके दोस्त आर्यन व परीक्षित उसे सेक्टर-16 के अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस व एफएसएल की टीमों ने जांच शुरू की। इस दौरान उन्हें मौके से शराब की बोतल, नशे की दवा की खाली शीशी, चरस के कण मिले। इसे पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। पहले पुलिस को दोनों युवक कहानी सुनाते रहे।
शक पर पुलिस ने जांचे मोबाइल फोन
पुलिस को उनके कमरे से बरामद सामान व उनके बयानों पर शक हुआ तो उनके मोबाइल फोन की जांच की गई। इसमें मिले वीडियो से मामले का खुलासा हुआ। मोबाइल फोन में मिले वीडियो के आधार पर जब पूछताछ की गई तो दोनों ने सारा सच उगल दिया। इस पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश कर उन्हें एक-एक दिन के रिमांड पर ले लिया है। दोनों युवकों की पहचान कुल्लू के बंजार निवासी आर्यन प्रभात व शिमला के मधवानी निवासी परीक्षित कौशल के रूप में हुई है।
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By Amar Ujala