महाराष्ट्र में किसकी बनेगी सरकार?
महाराष्ट्र में अबकी बार किसकी सरकार बनेगी? विधानसभा की 288 सीटों पर हो रहे सुस्त मतदान को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है. वोटिंग के बाद एग्जिट पोल के आंकड़े से जानकार इस सवाल को हल करने की कोशिश करेंगे, लेकिन पिछले कुछ सालों से एग्जिट पोल का आंकड़ा फेल होता रहा है, जिस पर काफी बवाल भी मचा.
ऐसे में एग्जिट पोल से इतर इन 4 आंकड़ों से आप समझिए कि महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनने जा रही है?
पहला फैक्ट-पॉकेट पार्टी और निर्दलीय के परफॉर्मेंस पर निर्भर
महाराष्ट्र में लोकसभा का चुनाव दो पक्षों में सिमट गई थी, इसके बावजूद विधानसभा की 10 सीटों पर छोटी पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार हावी थे. कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में वंचित विकास अघाड़ी, बहुजन विकास अघाड़ी, एआईएमआईएम जैसी पॉकेट पार्टियां भी कुछ सीटों पर खेल कर सकती हैं.
इसके अलावा दो दर्जन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार मजबूत स्थिति में हैं. सोलापुर दक्षिण में कांग्रेस के कद्दावर नेता सुशील कुमार शिंदे ने एक निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया है. शिंदे की बेटी यहां से लोकसभा की सांसद भी हैं.
2019 में 13 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. 2014 में यह आंकड़ा 8 के आसपास था. अगर हंग असेंबली जैसी स्थिति बनती है तो ये निर्दलीय उम्मीदवार किंगमेकर की भूमिका में हो सकते हैं.
वहीं 2019 के चुनाव में 11 छोटी पार्टियों ने विधानसभा की 14 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार इन छोटी पार्टियों के परफॉर्मेंस पर भी सबकी नजर है.
दूसरा फैक्ट- लोकसभा में MVA को मिली थी बढ़त
विधानसभा चुनाव में जिस तरह का सियासी स्ट्रक्चर है. उसी तरह का गठबंधन लोकसभा चुनाव में भी था. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना- यूबीटी और एनसीपी-शरद जैसे दल शामिल थे तो दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना-शिंदे और एनसीपी-अजित साझेदार थी.
प्रकाश अंबेडकर समेत कुछ छोटी पार्टियां अकेले ही मैदान में लड़ रही थी. लोकसभा के इस चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा विधानसभा की 83 सीटों पर बढ़त मिली थी. अजित पवार की पार्टी को 6 और एकनाथ शिंदे की पार्टी को 38 सीटों पर बढ़त मिली थी.
इसी तरह कांग्रेस को 63, शिवसेना-उद्धव को 56 और एनसीपी-शरद को 38 सीटों पर बढ़त मिली थी. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 2 और निर्दलीय को 7 सीटों पर बढ़त मिली थी.
लोकसभा की तुलना में विधानसभा चुनाव के समीकरण अलग होते हैं. कहा जा रहा है कि जिन सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली थी, उन सीटों पर बहुजन विकास अघाड़ी और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी मजबूत स्थिति में है.
दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी ने अपने साथ समाजवादी पार्टी और शेतकारी संगठन को भी जोड़ने का काम किया है.
तीसरा फैक्ट- 65 सीटों पर BJP-कांग्रेस की सीधी लड़ाई
किसकी सरकार बनेगी, यह फैसला क्षेत्रीय से ज्यादा दो राष्ट्रीय पार्टी के परफॉर्मेंस से तय होगा. कांग्रेस का 65 सीटों पर सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है. इनमें से अधिकांश सीटें विदर्भ इलाके की है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां बढ़त हासिल की थी.
हाालंकि, विधानसभा के चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी बीजेपी की तरफ से मोर्चा संभाल रखा है. कांग्रेस की तरफ से नाना पटोले ने यहां की कमान संभाल रखी है.
कहा जा रहा है कि इन 65 सीटों पर जिस पार्टी को बढ़त मिलेगी, उसका गठबंधन महाराष्ट्र के जादुई नंबर को आसानी से छू सकती है. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है.
बीजेपी इस बार यहां की 160 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
चौथा फैक्ट- गठबंधन की ही सरकार बनेगी
1995 से लेकर अब तक किसी भी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले दम पर बहुमत नहीं मिल पाई है. 1995 में शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर सरकार का गठन किया था. 1999 में कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई. 2004 में भी कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन सरकार ही महाराष्ट्र में गठित हुई.
2009 में भी कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर सरकार बनाई. 2014 में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की संयुक्त सरकार बनी. 2019 में महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ और एनसीपी, शिवेसना और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई.
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2024 में हम गठबंधन की सरकार बनाएंगे और फिर 2029 में अकेले दम पर सरकार में आएंगे. बीजेपी एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ गठबंधन में है. दूसरी तरफ इंडिया का भी गठबंधन ही है. यहां भी तीनों पार्टियां लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
– India Samachar
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