शरद पवार, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस.
विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए अब सिर्फ छह दिन बचे हैं. इस बीच, एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही है. दिलचस्प बात यह है कि चुनाव तो 2024 के लिए है, लेकिन जुबानी जंग 2019 के विधानसभा चुनाव से हो रही है. अजित पवार ने एक बार फिर दावा किया है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद शरद पवार उद्योगपति गौतम अडानी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे.
अजित पवार ने दावा किया है कि संबंधित बैठक के बाद ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस के साथ सरकार बनाई, लेकिन शरद पवार ने संबंधित दावे को खारिज कर दिया है.
शरद पवार ने अजित पवार के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने कई केंद्रीय मंत्रियों और उद्योगपतियों से मुलाकात की थी, लेकिन सरकार गठन को लेकर उस मुलाकात में कोई बातचीत नहीं हुई थी. इन मुलाकातों के दौरान अजित पवार भी मेरे साथ थे. उस समय, केवल महाराष्ट्र और कृषि विभाग से संबंधित चर्चा थी. हालांकि बाद में अजित पवार और सुप्रिया सुले ने भी इस मुलाकात की खबरों को खंडन किया था.
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अजित पवार और शरद पवार के बीच जुबानी जंग
अजित पवार ने बीड में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. गौतम अडानी और उस समय की सरकार की स्थापना का आपस में कोई संबंध भी नहीं है. लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. अजित पवार के बयान से पता चलता है कि वह अडानी को लेकर दिए गए अपने बयान से पीछे हट गए हैं. लेकिन उन्होंने इस दावे से इनकार नहीं किया कि उन्होंने सरकार बनाने को लेकर बीजेपी नेताओं से चर्चा की है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 यह एक बड़ा राजनीतिक मामला था. चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर अड़ी थी. शिवसेना की ओर से दावा किया गया कि महागठबंधन में ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद का फैसला हुआ. शिवसेना का यह दावा बीजेपी को रास नहीं आया. इसके चलते तीन पार्टियों यानी कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच बैठक हुई.
महाराष्ट्र की सियासत में बवाल
इन तीनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं ने महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने का फैसला किया था. जैसा कि तय था, तीनों दलों के नेता रात की बैठक के बाद सुबह राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले थे. लेकिन उससे पहले सुबह-सुबह अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ मंत्री पद की शपथ ले ली है.
इस घटना से महाराष्ट्र के लोग भी सकते में आ गए. राजनीति में क्या चल रहा है? ऐसा सवाल उठा. इस घटना से शरद पवार पर दबाव बढ़ गया. इसलिए शरद पवार ने घोषणा की थी कि वह अजित पवार के रुख के साथ नहीं हैं. इसके बाद महज 36 घंटे में ही शिवसेना-राष्ट्रवादी सरकार गिर गई. उसके बाद, जैसा कि तय था, महायुति सरकार गिर गयी।, लेकिन दो साल बाद टीवी 9 को दिए इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने यह कहकर राजनीति में हलचल मचा दी कि 2019 में सरकार गठन को लेकर शरद पवार से मुलाकात हुई थी.
इनपुट-टीवी 9 मराठी
– India Samachar
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