अजित पवार.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट भले ही फ्रंट फुट पर खेल रहे हो, लेकिन अन्य घटक दल एनसीपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एक गूगली ने महायुति को क्लीन बोल्ड कर दिया है, जिसके बाद विपक्ष ने भी महायुति को घेरना शुरू कर दिया है और थर्ड अंपायर जनता बनी हुई है, जो विधानसभा चुनाव में तय करेगी कि अगली सरकार महायुति की बनती या फिर महाविकास अघाड़ी की.
दरअसल, अजित पवार से जब योगी के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने जो बयान दिया वो महायुति के स्टैंड से बिल्कुल अलग थी. अजित पवार ने महाराष्ट्र की संस्कृति का हवाला देते हुए इस बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया. अजित पवार ने योगी के बयान का समर्थन नहीं किया.
योगी के बयान का अजित ने नहीं किया समर्थन
सीएम योगी के बयान पर सवाल पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा कि शिव, शाहू, फुले और आंबेडकर का महाराष्ट्र है. दूसरे राज्य से महाराष्ट्र की तुलना नहीं करें. महाराष्ट्र को ये कभी भी अच्छा नहीं लगता है. शिव, शाहू आंबेडकर और फुले की विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की रही है. बाहर के लोग आते हैं और वो अपने विचार से बोलकर जाते हैं. महाराष्ट्र ने ये कभी मान्य नहीं किया है. ये महाराष्ट्र का आजतक का इतिहास है.
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अजित पवार के बयान की वजह
अजित पवार की इस गूगली से लोग भले ही आप हैरान हो, लेकिन अजित पवार के बयान के पीछे अपनी वजह है. अजित पवार के वोटर्स सिर्फ हिन्दू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम भी हैं. अजित पवार ने 10 प्रतिशत मुस्लिम उम्मीदवार देने तक की बात कही थी.
जिस पश्चिम महाराष्ट्र में अजित पवार ज्यादातर सीट लड़ रहे हैं, वहां पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं. ऐसे में अजित इस बयान को सोच समझकर दे रहे हैं. यह तय है, लेकिन बड़ी बात यह है कि अजित पवार के बयान के बाद विपक्ष को मौका मिल गया. उसने बीजेपी सहित शिंदे और अजित गुट को कटघरे में खड़ा कर दिया.
उद्धव ठाकरे गुट ने अजित पर बोला हमला
UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ तौर पर कहा कि अजित पवार यह बयान को क्यों दे रहे हैं, वो अच्छी तरह से जानती हैं. उनकी मजबूरी है. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो उनके लिए मुश्किल होगी और इसीलिए जान बूझकर उन्होंने अपनी पैठ मुस्लिम मतदाताओं में बनाए रखने के लिए इस तरह का बयान दिया है. अब बीजेपी और शिंदे इस बयान पर चुप क्यों हैं? राज्य की संस्कृति कटने और बांटने की तो है नहीं और यही सोच अजित पवार को काम आएगी. इसलिए वो योगी की लाइन को दोहरा नहीं सकते हैं
– India Samachar
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