पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में रविवार की सुबह हड़कंप मच गया. कूचबिहार के कोर्ट परिसर में रखे गांजा में पैकेट में ग्रेनेड बरामद किया गया. बाद में सेना को इसकी जानकारी दी गई. भारतीय सेना ने कूचबिहार के कोर्ट परिसर में हाई पावर ग्रेनेड को डिफ्यूज कर दिया. ग्रेनेड गोदाम के अंदर गांजे के एक पुराने पैकेट में था. पुलिस के संज्ञान में यह बात कुछ दिन पहले आई थी. जांच के बाद भारतीय सेना को सूचना दी गई. फिर रविवार की सुबह ग्रेनेड को डिफ्यूज किया गया. ग्रेनेड डिफ्यूज करने के समय जोरदार धमाका हुआ, हालांकि वर्षों पुराने कोर्ट परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
बता दें कि सागरदिघी चौराहा पर सबसे ज्यादा सुरक्षा कचहरी चौक से सटा एक गोदाम है. एक पुराने पैकेट के अंदर ग्रेनेड मिला था. मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन ने सेना विभाग को दी, लेकिन दहशत न फैले इसलिए मामले को गुप्त रखा गया था. न्यायालय परिसर में अत्यधिक सतर्कता बरती जा रही थी.
रविवार की सुबह जब्त ग्रेनेड को किया गया डिफ्यूज
ग्रेनेड को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शनिवार को शुरू हुई थी. रविवार सुबह ग्रेनेड को सावधानी से डिफ्यूज किया गया. सवाल उठता है कि कोर्ट परिसर में ग्रेनेड कैसे आया? पुलिस द्वारा जब्त किए गए गांजे के पैकेटों में हैंड ग्रेनेड को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ज्ञात हुआ है कि कुछ दिन पहले कूचबिहार जिला अदालत के गोदाम के अंदर गांजे के पैकेट में ग्रेनेड बरामद किया गया था. चूंकि पुलिस के पास हैंड ग्रेनेड को डिफ्यूज करने की तकनीक नहीं थी, इसलिए उन्होंने बिन्नागुरी की सेना से संपर्क किया गया. इस दिन सेना की ओर से हैंड ग्रेनेड को नष्ट करने के लिए एक विशेष दल आया. इसे सेना के अधिकारियों ने कोर्ट के सामने पुलिस की मौजूदगी में नष्ट कर दिया. पूरी घटना से सनसनी फैल गई है.
गांजा के पैकेट में ग्रेनेड मिलने से उठ रहे हैं सवाल
सूत्रों के मुताबिक, हैंड ग्रेनेड का निर्माण रक्षा मंत्रालय की गन एंड सेल फैक्ट्री में किया गया था. यह सवाल किया जा रहा है कि सरकारी शस्त्रागार में बने ग्रेनेड अवैध गांजे की बोरियों में भरकर बेचे जा रहे थे? क्या ग्रेनेड की तस्करी की जा रही थी? पुलिस जांच कर रही है. मामले की जानकारी सेना को भी दे दी गई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को तीन दिन पहले कोर्ट रूम में 25 से 30 साल से पड़े गांजे के विभिन्न पैकेटों में ग्रेनेड मिला था. उन्होंने तुरंत सेना को सूचित किया. बाद में, सेना के 10-15 सदस्यों की एक टीम बिन्नागुरी से आई और उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए उस अदालत कक्ष में बम को निष्क्रिय कर दिया. उन्होंने इतनी कुशलता से काम किया कि कोई कोर्ट रूम क्षतिग्रस्त नहीं हुआ. बम डिफ्यूज करने से पहले पुलिस ने पूरे सागरदिघी इलाके को घेर लिया था.
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