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Maldives President Mohamed Muizzu: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी ने संसदीय चुनाव में रिकॉर्ड 71 सीटों पर जीत दर्ज करके ‘‘प्रचंड बहुमत’’ हासिल कर लिया है। इस चुनाव को राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। उनकी नीतियों को लेकर भारत और चीन की नजर रहती है। बंपर जीत के बाद मुइज्जू का बड़बोला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के नतीजों ने दुनिया को दिखा दिया कि मालदीव के लोग अपना भविष्य अपनी मर्जी से चुनते हैं और वे किसी तरह का विदेशी दबाव नहीं चाहते। भारत का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि हिडन एजेंडे वाले लोगों के लिए भी यह स्पष्ट सबक है।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है। मालदीव में सरकार बनाते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी कार्य शुरू कर दिए थे। उन्होंने राष्टपति बनने के बाद भारतीय सेना को वापस भेजना शुरू किया और चीन से दोस्ती को और गहरा किया। चीन की सरकार ने मालदीव में ऐतिहासिक जीत पर मुइज्जू को बधाई दी है। 

मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने रविवार को हुए चुनाव में 93 में से 68 सीट जीतीं और इसके गठबंधन साझेदारों-मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) तथा मालदीव डेवलेपमेंट एलायंस (एमडीए) ने क्रमश: एक और दो सीट जीती हैं। मुइज्जू ने सोमवार को कहा कि आम चुनाव के नतीजों ने दुनिया को दिखाया है कि मालदीववासी अपना भविष्य चुनने में “स्वायत्तता” चाहते हैं, “विदेशी दबाव” नहीं।

जीत के बाद क्या बोले मुइज्जू
88 भारतीय सैन्य कर्मियों में से अधिकांश को भारत भेजने का फैसला लेने वाले चीनी समर्थक नेता मुइज्जू ने कहा, “हम एक गौरवान्वित राष्ट्र हैं जो संप्रभुता और स्वतंत्रता से प्यार करते हैं, जिसे हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी दिखाया है।” उन्होंने कहा कि संसदीय चुनाव परिणाम इस बात का सबूत है कि मालदीव के लोग देश के भविष्य को आकार देने में मुख्य पहचान के रूप में इस्लामी आस्था और उसके मार्गदर्शक सिद्धांतों को बनाए रखना चाहते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव का नतीजा मालदीव के लोगों के दृष्टिकोण और उद्देश्यों के बारे में शेष दुनिया के लिए एक संदेश है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, संसदीय चुनाव परिणाम यह साबित करने के लिए भी था कि मालदीव के लोग “विदेशी दबाव के बिना अपना भविष्य चुनने में स्वायत्तता” चाहते हैं। उन्होंने पहले भारत पर मालदीव के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है और पिछले साल सितंबर में “इंडिया आउट” अभियान के साथ उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीता था। राष्ट्रपति ने कहा, “हिडन एजेंडे वाले लोगों के लिए भी यह स्पष्ट हो गया है कि मालदीव के लोग क्या चाहते हैं। इसलिए, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो वे असंतोष को छोड़ दें।” 

– India Samachar



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