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ईरान की तरफ से इजरायल पर किए गए हमले के सात दिन बाद इजरायली सेना ने ईरान पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कथित तौर पर इजरायल ने ईरान पर जवाबी हमले में ईरान के इस्फाहान प्रांत पर मिसाइलें दागीं। अब ईरान इजरायल के इस हमले का जवाब देने मूड में नहीं है। ईरान ने यह संकेत दिए हैं कि वह जंग और बढ़ाना नहीं चाहता इसलिए उसकी जवाबी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है। ईरान के ऐसे तेवर युद्ध को टालने के दिशा में देखे जा रहे हैं।

युद्ध टालना चाहता है ईरान?
बताते चलें कि इजरायल ने पहले ही चेतावनी दी थी वह ईरान द्वारा लगभग एक सप्ताह पहले सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे जाने के बाद जवाबी हमला करेगा। हालांकि, अधिकांश ईरानी हमलों को रोक दिया गया था। अब ईरान के अगले कदम से मध्य एशिया में युद्ध की स्थिति में नरमी देखी जा सकती है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि इस घटना के लिए इजरायल के खिलाफ प्रतिक्रिया देने की उनकी कोई योजना नहीं है। 

इजरायल ने ईरान पर किया ड्रोन से हमला 
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की ओर से शुक्रवार तड़के ड्रोन हमला किये जाने पर एक वायुसेना अड्डा और परमाणु स्थल के बचाव में ईरानी सैनिकों ने वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया। हालांकि, ईरान के किसी भी अधिकारी ने इस आशंका को प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार नहीं किया है कि इजरायल ने हमला किया है। इजरायली सेना ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

हालांकि, गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध और सीरिया में ईरान को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बीच शनिवार को इजरायल पर हमले होने के बाद से तनाव बढ़ गया है। कैप्री द्वीप (इटली) पर जी-7 समूह देशों की बैठक में इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि अमेरिका को इस्फहान पर हमले के बारे में इजरायल से आखिरी क्षणों में सूचना मिली थी। हालांकि, अमेरिका के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिकी ब्रॉडकास्ट नेटवर्क ने कुछ अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि इजरायल ने हमला किया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के 85वें जन्मदिन पर हमले के दावे के लिए कुछ इजरायली अधिकारियों का हवाला दिया, लेकिन उनका नाम नहीं बताया। ईरान के सरकारी टेलीविजन की खबर के अनुसार, कई प्रांतों में आसमान में ड्रोन नजर आने की रिपोर्ट को लेकर वायु रक्षा प्रणाली ने गोलाबारी की। ईरान के सैन्य कमांडर जनरल अब्दुलरहीम मूसावी ने कहा कि सैनिकों ने आसमान में दिखे कई ड्रोन को निशाना बनाया। मूसावी ने कहा, ‘‘इस्फहान के आसमान में आज सुबह हुआ विस्फोट एक संदिग्ध वस्तु पर हवाई रक्षा प्रणाली के हमलों से हुआ था, जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ।’’

ईरान ने परमाणु रिएक्टर की रक्षा में लिया ऐक्शन
अधिकारियों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली ने इस्फहान में वायुसेना अड्डा के बचाव में गोलाबारी की। वहां लंबे समय तक अमेरिका निर्मित एफ-17 टॉमकैट्स के बेड़े को रखा गया था। इन लड़ाकू विमानों को 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदा गया था। इस्फहान में चीन द्वारा आपूर्ति किये गए तीन अनुसंधान परमाणु रिएक्टर हैं, हालांकि ये छोटे आकार के हैं। वहां ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के लिए ईंधन उत्पादन की गतिविधियां भी होती हैं। इस्फहान में ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थल भी हैं जिनमें भूमिगत ‘नतांज’ संवर्धन स्थल शामिल है, जिस पर संदिग्ध इजरायली हमले बार-बार होते रहे हैं।

सरकारी टेलीविजन ने क्षेत्र के सभी परमाणु स्थलों को पूरी तरह सुरक्षित करार दिया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने भी कहा, ‘‘घटना के बाद ईरान के परमाणु स्थलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’ आईएईए ने सभी से पूरी तरह संयम बरतते रहने को कहा है। अर्ध सरकारी समाचार एजेंसियों ‘फार्स’ और ‘तस्नीम’ ने भी विस्फोटों की आवाज सुनाई देने की सूचना दी, लेकिन उन्होंने इसका कारण नहीं बताया।

– India Samachar



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