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रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच चीनी कंपनियां जमकर फायदा कमाने में लगी हैं।  जी7 देशों के समूह ने इस बात को लेकर चीन को लताड़ लगाई है। जी7 देशों के विदेश मंत्रियों ने चीन की कंपनियों के द्वारा रूस को यूक्रेन के खिलाफ हथियार और अन्य सामग्री बेचे जाने पर आपत्ति जाहिर की। इटली में हो रहे सम्मेलन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि सभी देशों को चीन पर दबाव बढ़ाना चाहिए कि वह हथियार सप्लाई करके रूस की मदद ना करे। उन्होंने कहा कि चीन सिर्फ फायदे के लिए अंधा होकर रूस की मदद कर रहा है। 

उन्होंने कहा, शीतयुद्ध खत्म होने के बाद से यूरोप की सुरक्षा के लिए यह बड़ी चुनौती है। हम देख रहे हैं कि चीन मशीन के टूल्स, सेमिकंडक्टर, और ड्यूल साइज आइटम रूस को सप्लाई कर रहा है। जर्मनी के विदेश मंत्री अनालेना बेयरबोक ने कहा कि उनका देश रूस और चीन के इस करीबी रिश्ते को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि रूस गलत रूप में यूक्रेन से युद्ध कर रहा है और चीन इसमें मदद कर रहा है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है। बता दे कि बीते साल शी जिनपिंग और पुतिन ने नो लिमिट पार्टनरशिप का ऐलान किया था और कहा था कि यह सहयोग के नए युग की शुरुआत हो रही है। चीन युद्ध में तटस्थ रवैये का दिखावा भी कर रहा है और रूस की मदद में भी जुटा हुआ है। 

वहीं यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष राजनयिक ने जी7 के विदेश मंत्रियों से यूक्रेन को अधिक वायु रक्षा प्रणालियां प्रदान करने के लिए त्वरित, ठोस कदम उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि विलंब से युद्ध में रूस को बढ़त मिल सकती है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि रूस के हमलों से बचाव के लिए अधिक पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों के बिना ‘यूक्रेन की बिजली प्रणाली नष्ट हो जाएगी और कोई भी देश घर पर, कारखानों में बिजली के बिना अग्रिम मोर्चे पर युद्ध नहीं लड़ सकता।’

बोरेल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब इतालवी द्वीप कैपरी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है। यूक्रेन-रूस युद्ध और ईरान के इजराइल पर हमले के कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव इस बैठक के एजेंडे में शीर्ष पर है।
इटली के विदेश मंत्री एंतोनियो तजानी ने बैठक के पहले कामकाजी सत्र में ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों और यूक्रेन को रूस के हमले से खुद को बचाने के लिए ठोस मदद देने की मांग की। तजानी ने आगाह किया कि अगर यूक्रेन हारता है, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कभी शांति वार्ता की मेज पर नहीं बैठेंगे।

बुधवार को, ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में गाजा, यमन और लेबनान में संघर्षरत पक्षों को ड्रोन और मिसाइल की आपूर्ति करने के लिए ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने का संकल्प लिया गया। बोरेल ने कहा कि ईरान पर मौजूदा यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को मजबूत और विस्तारित किया जाएगा ताकि ईरान को उसके हमले के लिए दंडित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इजराइल को भी संयम बरतने की जरूरत है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा और नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग कैपरी की बैठक में अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। कुलेबा ने अपने देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए तोपखाने, गोला-बारूद और वायु रक्षा प्रणालियों सहित आवश्यक सैन्य सहायता की आवश्यकता को रेखांकित किया, क्योंकि रूस अग्रिम मोर्चे पर बढ़त बना रहा है। उन्होंने यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल प्रणाली प्रदान करने के लिए जर्मनी को धन्यवाद दिया। कुलेबा ने अमेरिकी संसद से सैन्य हथियारों से संबंधित पैकेज को भी जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया।

– India Samachar



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