मान्यता को लेकर फिलिस्तीन के लिए शुक्रवार बड़ा दिन साबित होने वाला है। खबर है कि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए मतदान होने जा रहा है। हालांकि, यह राह पूरी तरह से आसान नहीं है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अमेरिका की तरफ से इसे वीटो किया जा सकता है। खास बात है कि यह ऐसे समय पर हो रहा है, जब इजरायल और हमास के बीच गाजा में जारी जंग 6 महीने से जारी है।
रॉयटर्स के अनुसार, राजनयिकों का कहना है कि फिलिस्तीन की यूएन में पूर्ण सदस्यता के लिए अनुरोध पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मतदान होगा। उन्होंने कहा कि 15 सदस्यीय परिषद दोपहर 4 बजे उस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान करेगी, जिसमें 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा से सिफारिश की गई है कि फिलिस्तीन को यूएन की सदस्यता दी जाए।
अब खास बात है कि प्रस्ताव को पास होने के लिए पक्ष में कम से कम 9 मतों की जरूरत है। साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस या चीन इसपर वीटो न करें। काउंसिल के सदस्य अल्जीरिया ने मसौदा प्रस्ताव पेश किया था और गुरुवार को मिडिल ईस्ट पर सुरक्षा परिषद की बैठक साथ मतदान करने का अनुरोध किया था।
अमेरिका करेगा वीटो?
इधर, अमेरिका का कहना है कि स्वतंत्र फिलिस्तीन को सीधी बातचीत से स्थापित किया जाए, संयुक्त राष्ट्र के जरिए नहीं। बुधवार को यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव से हम उस जगह पर पहुंच सकेंगे, जहां हम… दो राज्य समाधान खोज सकें।’
फिलहाल, फिलिस्तीन नॉन मेंबर ऑब्जर्वर स्टेट है। अब अगर उसे संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनना है, तो आवेदन पर सुरक्षा परिषद की मुहर और महासभा में कम से कम दो तिहाई मंजूरी की जरूरत होगी। अब संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाड एर्डन ने बुधवार को आरोप लगाए हैं कि सुरक्षा परिषद फिलिस्तीन के आतंकी राज्य को स्थापित करने में अपना समय खर्च कर रहा है।
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