ईरान हमला करेगा इसकी जानकारी कई देशों ने इजराइल को पहले ही दे दी थी. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई देशों ने इजराइल को चेताया था. ऐसा हुआ भी. रात के अंधेरे में जब सब सो रहे थे, ईरान ने एक के बाद एक 300 ड्रोन और मिसाइल इजराइल की तरफ दाग दीं. ये वही क्षण था जब ईरान ने दुनिया में तीसरा जंग क्षेण दिया था. रूस-यूक्रेन, इजराइल-हमास के बीच जंग पहले ही चल रही है.

मिडिल ईस्ट के कई देशों ने अपने आप को इस जंग से पूरी तरह से अलग रखा. लेकिन एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई जिसमें ये दावा किया गया है कि ईरानी हमले को रोकने के लिए सऊदी अरब ने इजराइल की मदद की है. जिस देश ने अमेरिका को यह स्पष्ट रूप से कह दिया था कि ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए वह अपनी टेरिटरी इस्तेमाल नहीं करने देगा, उसने खुद इजराइल की मदद क्यों की? क्या सऊदी का कोई बदला बाकी था जो वो ईरान से लेना चाहता था?

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इजराइल, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर प्लान

सऊदी अरब ने इस बात को माना है कि उसने नवगठित क्षेत्रीय सैन्य गठबंधन, जिसका हिस्सा इजराइल, अमेरिका, जॉर्डन, ब्रिटेन और फ्रांस है, उसको इजराइल के खिलाफ ईरानी हमले को विफल करने में मदद की है. कई ड्रोन और मिसाइलों को इजराइल तक पहुंचने के लिए जॉर्डन और सऊदी हवाई क्षेत्र से गुज़रना पड़ा था, जिसे इन खाड़ी देशों ने मिलकर मार गिराया. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे सहयोगी देशों की मदद से 99 प्रतिशत ड्रोन और मिलाइल अटैक को हवा में ही नष्ट कर दिया गया था.

ईरान-सऊदी की पुरानी दुश्मनी

ईरान-सऊदी अरब की पुरानी दुश्मनी. दोनों देशों में बहुत लंबे समय तक एक दूसरे से प्रतिद्वंदिता रही है. पिछले कुछ सालों में ये और भी बढ़ गई है. दरअसल, संघर्ष का एक केंद्र धर्म भी रहा है. दोनों इस्लामिक देश हैं जहां सुन्नी और शिया बड़ी संख्या में रहते हैं. ईरान में शिया मुस्लिम तो सऊदी में सुन्नी मुस्लिम अधिक हैं. इन दोनों समुदायों के प्रभुत्व को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद छिड़ा रहता है. इसके अलावा, सऊदी ईरान पर आरोप लगाता रहा है कि वो हूती विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराता है. ईरान-सऊदी में सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन प्रॉक्सी वार जैसे हालात में उलझे रहते हैं. माना जा रहा है कि सऊदी ने तभी अन्य देशों की मदद की आड़ में ईरान से अपना बदला निकाला है.

सऊदी-जॉर्डन ने की इजराइल मदद

बता दें कि ईरान और इजराइल की दूरी तकरीबन एक हजार किलोमीटर है. ईरान ने जो ड्रोन और मिसाइलें दागीं थी वो सऊदी अरब जॉर्डन से होकर गुजर रही थीं. गौरतलब ये भी है कि जॉर्डन, जो इजराइल द्वारा लगातार गाजा पर हमले कर रहा है, उसका विरोध करता रहा है. लेकिन फिर भी ईरान ने जो इजराइल की तरफ मिसाइलें दागी उसे मार गिराया. रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि जॉर्डन ने इजराइल और अमेरिका के लड़ाकू विमानों के उड़ने के लिए अपना एयर स्पेस खोल दिया था.

क्या है अमेरिका का दावा?

अमेरिका ने दावा किया है कि सऊदी और जॉर्डन जैसे खाड़ी देशों को ईरान के इस हमले की सूचना थी. उन्होंने इसकी जानकारी हमको भी दी जिससे इस बड़े हमले को लगभग पूरी तरह टाला जा सका. सऊदी और जॉर्डन के एयर डिफेंस सिस्टम ने कई ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया.

हालांकि, ईरान के इस हमले के बाद इजराइल ने फौरन वॉर मीटिंग बुलाई और बदला लेने की बात कही. अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इजराइल भी क्या हवाई हमले करेगा. और अगर हां, तो कब करेगा? ईरान के मंत्रियों ने आशंका जताई है कि इजराइल शायद जवाबी कार्रवाई कर सकता है.

– India Samachar

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