बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई कलाकार रहे हैं जिनके परिवार के लोगों ने भी इंडस्ट्री में हिस्सा लिया और अपना योगदान दिया. ऐसे ही इंडस्ट्री में इतनी बड़ी फैमिलीज नहीं हुई हैं. कपूर फैमिली हो या फिर देओल, बच्चन फैमिली हो या फिर रोशन फैमिली, इन परिवारों में कई पीढ़ियां कला और अभिनय से जुड़ी हैं और इंडस्ट्री में लोगों को एंटरटेन करने का काम करती आई हैं. इसी में एक फैमिली माथुर फैमिली भी है. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज सिंगर और राज कपूर की आवाज माने-जाने वाले सिंगर मुकेश की. मुकेश ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गाने गाए और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया.
आज भी उनके गाने खूब सुने जाते हैं. उनकी राह पर चलते हुए उनके बेटे नितिन मुकेश ने भी फिल्मों में सिंगिंग ट्राए की. उनके कुछ गाने चले लेकिन बहुत ज्यादा समय तक उनका करियर बॉलीवुड में नहीं टिका. उनकी अगली पीढ़ी में आए नील नितिन मुकेश. मुकेश के पोते ने लेकिन सिंगिंग से इतर एक्टिंग को तवज्जो दी और फिल्मों में अभिनय किया. उनकी एक्टिंग को लेकिन फैंस का वैसा रिस्पॉन्स नहीं मिला और उनकी फिल्में एक वक्त के बाद फ्लॉप होने लगीं.
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चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर किया डेब्यू
नील नितिन मुकेश का जन्म 15 जनवरी 1982 को बॉम्बे में हुआ था. एक्टर ने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रोल में अपने करियर की शुरुआत की थी. राजेश खन्ना और ऋषि कपूर की फिल्म विजय से उन्होंने अपना करियर शुरू किया था. लेकिन उन्हें पॉपुलैरिटी अपनी दूसरी ही फिल्म से मिल गई थी. इस फिल्म का नाम था जैसी करनी वैसी भरनी. फिल्म में गोविंदा का लीड रोल था और फिल्म में कादर खान ने शानदार काम किया था. इस फिल्म में गोविंदा के बचपन का किरदार नील नितिन मुकेश ने ही प्ले किया था. इस दौरान उनकी उम्र 7 साल की थी. इस उम्र में भी उन्होंने अपने टैलेंट से सभी को इंप्रेस किया था और घर-घर में छा गए थे.
उम्मीद के मुताबिक नहीं चला करियर
इसके बाद एक्टर ने एक लंबे गैप के बाद फिल्मों में लीड एक्टर के तौर पर अपनी पारी को शुरू किया. साल 2007 में उनकी फिल्म जॉनी गद्दर रिलीज हुई थी. फिल्म में उनके फ्रेश टैलेंट को एडमायर किया गया था. लेकिन इसके बाद एक्टर की फिल्मों में वैसा दम देखने को नहीं मिला. कभी या तो उन्हें वैसे रोल्स नहीं मिलते थे और अगर मिलते भी थे तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाती थी.
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