Noida News :
नोएडा में रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ती टैक्स चोरी की घटनाओं को लेकर आयकर विभाग ने अपनी जांच तेज कर दी है। विभाग ने ऐसे बिल्डर्स और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को अपने रडार पर लिया है, जो बड़े पैमाने पर कैश लेन-देन करते हैं और वित्तीय गतिविधियों को छिपाने के प्रयास करते हैं। सूत्रों के अनुसार, कई बिल्डर्स और उनके प्रोजेक्ट्स नोएडा क्षेत्र में जांच के दायरे में हैं, और उनकी वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। इस जांच में वे लोग भी शामिल हो सकते हैं जिन्होंने इन प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है या किसी अन्य तरीके से धन का लेन-देन किया है।
कैश लेन-देन और दस्तावेजों में हेरफेर का खुलासा
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि हाल ही में नोएडा के कुछ प्रमुख रियल एस्टेट बिल्डर्स के खिलाफ जांच में यह खुलासा हुआ है कि वे फ्लैट्स की बिक्री के लिए बड़ी रकम कैश में ले रहे हैं। यह प्रक्रिया टैक्स चोरी का एक बड़ा तरीका बन चुकी है। विभाग ने यह भी पाया है कि इन कैश लेन-देन को छिपाने के लिए कागजी दस्तावेजों में हेरफेर और फर्जी सौदे किए जाते हैं। आयकर विभाग अब इन मामलों में और गहरी जांच करने की योजना बना रहा है और यह सुनिश्चित करेगा कि जो लोग काले धन को सफेद करने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
अघोषित संपत्तियों की छापेमारी
आयकर विभाग ने हाल ही में नोएडा के विभिन्न रियल एस्टेट बिल्डर्स के यहां छापेमारी की, जिसमें करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्तियां उजागर हुईं। इन छापों ने यह साबित कर दिया कि नोएडा के रियल एस्टेट क्षेत्र में टैक्स चोरी एक गंभीर समस्या है। विभाग ने अब तक कई मामलों में सफलता प्राप्त की है और उम्मीद जताई है कि इससे इस क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता आएगी।
आयकर विभाग का उद्देश्य और भविष्य की रणनीति
आयकर विभाग का मुख्य उद्देश्य नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में टैक्स चोरी को रोकना और वित्तीय गतिविधियों में पारदर्शिता लाना है। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि वह न केवल बिल्डर्स की वित्तीय गतिविधियों की जांच करेगा, बल्कि उन सभी व्यक्तियों की भी जांच करेगा, जिन्होंने इस क्षेत्र में धन का लेन-देन किया है। विभाग का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से टैक्स चोरी पर काबू पाया जा सकता है और नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक पारदर्शी और संरक्षित बनाया जा सकता है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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