शाहरुख खान ने अपने करियर में हर बेहतरीन किरदार निभाए हैं. वो अपने किरदार के लिए हर जरूरी मेहनत करने के लिए तैयार रहते हैं, तभी तो वो अपनी एक्टिंग से किरदार में जान फूंक देते हैं. जब साल 2002 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ रिलीज हुई थी तो किंग खान ने उस आइकॉनिक फिल्म में एक ऐसी भूमिका निभाई थी, जो कि प्यार मुकम्मल न होने के कारण शराब के नशे में डूब जाता है और आखिर में अपनी मोहब्बत के घर के सामने ही दम तोड़ देता है. शाहरुख ने इस किरदार को इतनी शिद्दत से निभाया था कि वो फिल्म के लिए असल जिंदगी में शराब पीने लगे थे. इस बात का खुलासा खुद किंग खान ने किया था.
देव का रोल प्ले करने में शाहरुख खान को बहुत मेहनत लगी थी. फिल्म के लिए उन्होंने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी जीता था. संजय लीला भंसाली की इस फिल्म ने जमकर सफलता हासिल की थी. एक इंटरव्यू के दौरान शाहरुख खान ने बताया कि कैसे देव के किरदार ने उनकी जिंदगी बदल दी.
कुछ सीन में पी थी शराब, बाद में लग गई लत
शाहरुख खान ने 77वें लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के दौरान बातचीत में अपनी 30 साल की जर्नी के बारे में खुलासा किया था और संजय लीला भंसाली के साथ ‘देवदास’ करने के अपने फैसले के बारे में भी खुलकर बात की. शाहरुख ने कहा था कि वो छोटे रोल्स नहीं करना चाहते थे, क्योंकि वो चाहते थे कि उनके दिवंगत माता-पिता उनपर गर्व करें. शाहरुख ने कहा कि देव के रोल के लिए उन्होंने मेथड एक्टिंग करने का फैसला किया था. इसके लिए उनको कुछ सीन में शराब पीने की जरूरत थी. किंग खान ने कहा था, “मैंने उस हारे हुए आदमी का रोल निभाया है, जिसके पास प्यार के लिए अपने कारण थे.”
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आंखों में शराब दिखनी चाहिए
शाहरुख खान ने आगे कहा, “मैं चाहता था कि जो रोल मैं कर रहां हूं वो असली लगे. इसके लिए मैंने सेट पर शराब पी थी. मुझे इससे बहुत मदद मिली थी, लेकिन मैंने फिल्म के बाद भी शराब पीना शुरू कर दिया. ये एक निगेटिव पहलू था. मैं जो किरदार करता था, उसमें पूरी तरह डूब जाता था.”
वहीं डिजिटल कमेंट्री के साथ बातचीत में किंग खान के को-एक्टर टीकू तल्सानिया ने बताया था कि शाहरुख खान फिल्म के कुछ सीन्स के लिए रम के बैक-टू-बैक शॉट्स लेते थे. जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा था, “सर, एक्टिंग तो हो जाएगी. आंखों में शराब दिखती नहीं है न, उसका क्या.”
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