जापान के तोहोकू विश्वविद्यालय के वृद्ध अर्थव्यवस्था और समाज अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर हिरोशी योशिदा ने देश में घटती जन्म दर पर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जापान तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में बहुत आगे है, लेकिन उसके सामने अपनी आबादी को बचाने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है. उनका कहना है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो आने वाले समय में जापान की आबादी खत्म हो सकती है.
प्रोफेसर हिरोशी योशिदा ने देश में बच्चों की संख्या के डेटा को जानने के लिए एक वैचारिक घड़ी (conceptual clock) विकसित की है.जापान में घटती जन्म दर को वास्तविक समय में दिखाती है. जो जापान में बच्चों की संख्या को साल दर साल ट्रैक करती है. और तेजी से घटती प्रजनन दर को उजागर करती है. इसके ताजा अनुमान के मुताबिक, 695 साल बाद जापान में 14 साल से कम उम्र का केवल एक बच्चा रह जाएगा.
टोक्यो में 1 फीसदी से भी नीचे दर्ज किया बर्थ रेट
जापानी प्रोफेसर योशिदा के द्वारा बनाया गया यह घड़ी चालू वर्ष और पिछले साल में बच्चों की संख्या दिखाता है और हर सेकंड में कमी को ट्रैक करता है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, जापान में हर साल बच्चों की आबादी में 2.3 प्रतिशत की कमी हो रही है. साल 2023 में देश में जन्म दर 1.20 फीसदी के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई थी. वहीं, टोक्यो में तो यह एक फीसदी से भी नीचे दर्ज किया गया था.
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल जनवरी से जून के बीच जापान में बर्थ रेट 55 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. 2024 की पहली छमाही के दौरान जापान में 350,074 बच्चों ने जन्म लिया. वहीं, यह साल 2023 के पहले 6 महीने के अनुसार इसमें 5.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2023 की तुलना में 2024 में 20,978 की गिरावट आई है.
5 जनवरी 2720 तक खत्म हो सकती है आबादी?
जापानी प्रोफेसर का अनुमान है कि यही सिलसिला जारी रहा तो 5 जनवरी 2720 तक देश में 14 साल से कम उम्र का केवल एक बच्चा रह जाएगा. इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारणों में विवाहों की संख्या में कमी और बढ़ते हुए एकल जीवन के रुझान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. सरकारी प्रयासों के बावजूद, जापान की जनसंख्या में गिरावट जारी है. भले ही बर्थ रेट में आगे सुधार हो जाए लेकिन इससे दो पीढ़ियों के बीच असंतुलन का खतरा बढ़ जाएगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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