खेती किसानी को भले ही कुछ लोग घाटे वाला व्यवसाय कहते हैं, लेकिन सूझबूझ और आधुनिक तरीके से खेती कर आज भी लोग मालामाल हो रहे हैं. बस जरूरत है समय के साथ चलने और अत्याधुनिक तरीकों को अपनाने की. कुछ ऐसा ही गाजीपुर के करईल इलाके में शुमार भांवरकोल के किसान जो सूझबूझ से खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यहां तक कि कुछ किसान अच्छी खासी नौकरी छोड़कर खेती करना शुरू कर दिए हैं. उन्ही में एक किसान दिवाकर राय भी हैं जिन्होंने मिर्च की खेती की. लेकिन उन्होंने नई तकनीक का इस्तेमाल कर12 बीघा मिर्च की खेती में 35 लाख रुपए का मिर्च बेचकर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है.
अक्सर कहा जाता है कि मंजिल उन्हें ही मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. अवथही के प्रगतिशील किसान दिवाकर राय, जिन्होंने मात्र 12 बीघे में मिर्च की खेती कर 35 लाख रुपए कमाए. उन्होंने मिर्च की खेती कर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है. दिवाकर राय निजी कंपनी की नौकरी छोड़कर कृषि में आये और कृषि के क्षेत्र में स्वभाव के कारण नित नए प्रयोग करते रहे है. उन्होंने बताया कि आम तौर पर हम लोगों की तरफ जब मिर्च तैयार होता है तो मिर्च का भाव गिर जाता है. ऐसे में किसानों को बहुत ज्यादा लाभ नहीं हो पाता है. इसलिए उन्होंने मिर्च की खेती एक महीने पहले करने को सोचा. इसके लिए सबसे बड़ी बाधा थी जून की तपती धूप में कैसे नर्सरी डाली जाए. इसके लिए देशी जुगाड़ से नाममात्र के खर्च से नेटशेड लगाकर नर्सरी डाली और यह प्रयोग सफल रहा. 3 जून को डाली गई नर्सरी से 26 जुलाई को मिर्च के पौधे लगा दिए. जो अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में तैयार हो गए.
किसान ने तीन महीने कमाए लाखों रुपए
उन्होंने बताया कि मिर्च की जो तोड़ाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में या नवंबर के अंतिम सप्ताह में होती थी उसको उन्होंने 12 अक्टूबर से ही शुरू कर दिया. उस समय मिर्च का रेट 100 रुपए के आसपास था. उस वक्त उनके खेत में 15 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार से 12 बीघे में से तैयार आठ बीघे में कुल 11 लाख रुपए के मिर्च हुए. दूसरी तोड़ाई 30 अक्टूबर से 17 नवंबर तक चली जिसमें मिर्च का रेट 72 से 91 रुपए तक था और उत्पादन लगभग 40 क्विंटल प्रति एकड़ थी. जिसमें 10 लाख रुपए की आमदनी हुई. तीसरी तोड़ाई 27 दिसंबर से शुरू हुई और 75 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से लगभग आठ लाख रुपए की मिर्च बेची. वहीं अभी उनके खेत में करीब 250 क्विंटल मिर्च खेत में पड़ी हुई है. दिवाकर राय ने बताया कि अगर मौसम ने साथ दिया और उचित प्रबंधन किया गया तो 15 अप्रैल तक मिर्च का उत्पादन लिया जा सकता है.
किसान ने बताई तकनीक
दिवाकर राय ने बताया कि अगर समय से पहले उत्पादन किया जाय तो काफी लाभ होगा. हालांकि उन्होंने एक बात से आगाह किया कि अपनी पूरी खेती का केवल आधा भाग ही पहले तैयार करें और शेष भाग में कुछ दिनों बाद लगाए. दिवाकर राय की इस तरह की खेती की सोच से अन्य किसानों को भी प्रेरणा लेकर परंपरागत खेती को भी लाभदायक खेती बनाया जा सकता है.
– India Samachar
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