आज के समय में भोजपुरी सिनेमा के सितारे देशभर में पॉपुलर हैं. हालांकि, इस बढ़ती पॉपुलैरिटी के साथ इन स्टार्स को अक्सर भोजपुरी गानों में अश्लीलता की वजह से ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है. आए दिन भोजपुरी के नए-नए गाने रिलीज होते रहते हैं. वो गाने तो वायरल हो जाते हैं, लेकिन उनमें अश्लीलता को लेकर स्टार्स सवालों को घेरे में आ जाते हैं. मशहूर सिंगर कल्पना पटवारी ने इस बारे में बात की है.
कल्पना पटवारी ने टीवी हिंदी डिजिटल के साथ बातचीत की है. इस इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि भोजपुरी गानों में जो अश्लीलता है, उसपर उनकी क्या राय है? क्या ये सब बंदा होना चाहिए या फिर लोग पैसा कमा रहे हैं तो कमाने देना चाहिए? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मेरे चाहने से क्या होता है. हर एक की अपनी जिंदगी है. किसी को खाने को पैसा नहीं है, कुछ नहीं है, उस तरह से बात करें तो पहले आप तो सोनपुर मेला का थिएटर बंद कीजिए. उसके बाद गीतों की अश्लीलता पर आइए.”
अपनी संस्कृति को याद रखिए
कल्पना ने आगे कहा, “मैं जहां गाती हूं, वहां मुझसे सवाल करते हैं अश्लीलता को लेकर और बगल के कंपाउंड में ही अश्लील डांस हो रहा है. तो ये डबल स्टैंटडर्ड है. पहले सोनपुर मेले जैसी स्थिति को बंद किया जाए. बहुत बड़ा मेला है. एशिया का एक बड़ा मेला है. तो वहां कल्चर से जुड़ी चीजें हों, सबकुछ हो, मस्ती भी हो. हमलोगों ने भी एंजॉय किया है लाइफ में. उम्र है, समय है, लेकिन आखिर में आप अपनी मां के पास ही जाएंगे घर में, तो उस चीज को याद रखना है कि आपकी भाषा क्या है, परिचय क्या है, आपकी संस्कृति क्या है.”
कई भाषाओं में गाए गाने
कल्पना पटवारी एक जानी-मानी सिंगर हैं. भोजपुरी के अलावा वो मराठी, तमिल, हिंदी और बंगाली भाषा के भी कई गाने गा चुके हैं. उन्होंने भोजपुरी में साल 2003 में एंट्री की थी. उनका पहला गाना ‘ऐ गणेश के पापा’ था. वो असम की रहने वाली हैं. उन्होंने असमिया भाषा में कई गाने गाए हैं.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link