अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ वहां की एक अदालत शुक्रवार रात 8 बजे (भारतीय समयानुसार) सजा सुनाएगी. ट्रंप को यह सजा हश मनी मामले में सुनाई जाएगी. ट्रंप इस मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं. इसी बीच यह चर्चा तेज है कि क्या सजा मिलने के बाद ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ ले पाएंगे?
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेट कमला हैरिस को पटखनी दी थी.
ट्रंप पर हश मनी का पूरा मामला क्या है
यह मामला उस समय का है जब 2016 में ट्रंप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक पॉर्न स्टार को चुनाव से पहले चुप रहने के लिए हश मनी दी थी. इस मामले में उन्हें कोर्ट ने पहले ही दोषी ठहराया है.
हालांकि न्यूयॉर्क कोर्ट ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप को जेल नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सजा क्या होगी, यह किसी को नहीं पता है. कोर्ट से दी जाने वाली सजा डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक करियर पर असर डाल सकता है. जानकारों का मानना है कि यह सजा उनकी छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.
सजा रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे ट्रंप
ट्रंप ने इस सजा को रूकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट के नौ में से पांच जजों ने यह फैसला सुनाया कि न्यूयॉर्क कोर्ट ट्रंप को सजा सुना सकती है. ट्रंप के समर्थन में फैसला देने वाले जजों में जस्टिस सैमुअल एलीटो भी शामिल हैं, जिनका नाम विवादों में है.
जज और ट्रंप की बातचीत का विवाद
सुप्रीम कोर्ट के जज सैमुअल एलीटो और ट्रंप के बीच सुनवाई से पहले बातचीत होने की खबर से नया विवाद खड़ा हो गया है. जस्टिस एलीटो ने माना है कि उन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की थी.
जस्टिस एलीटो ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने अपने एक पुराने स्टाफ की नौकरी की पैरवी के लिए ट्रंप को फोन किया था. इस विवाद के बावजूद, जस्टिस एलीटो ने ट्रंप के पक्ष में फैसला दिया.
क्या ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर खतरा?
यह फैसला ट्रंप के लिए बेहद अहम है क्योंकि दस दिन बाद यानी बीस जनवरी को वो राष्ट्रपति पद की दूसरी बार शपथ लेने वाले हैं. यदि सजा से उनकी छवि और कानूनी स्थिति प्रभावित होती है, तो उनके लिए राष्ट्रपति बनने का रास्ता मुश्किल हो सकता है.
अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि निर्वाचित राष्ट्रपति सजायाफ्ता होंगे. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोर्ट द्वारा दी गयी सजा से क्या उनके शपथ-ग्रहण पर भी कोई असर पड़ेगा.
बाइडेन का क्या है इरादा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बाइडेन प्रशासन ट्रंप को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता. राष्ट्रपति ट्रंप जज पर भी राजनीतिक एजेंडे के तहत काम करने का आरोप लगा चुके हैं.
माना जा रहा है कि राष्ट्रपतिबाइडेन जाते-जाते भी ट्रंप के खिलाफ आख़िरी कोशिशों में जुटे हैं. अगर सज़ा के नाम पर कुछ ऐसा हुआ तो ट्रंप समर्थकों और विरोधियों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.
क्या होगा ट्रंप का अगला कदम?
सजा सुनाए जाने के बाद ट्रंप के पास अपील का विकल्प रहेगा. वह इस फैसले को चुनौती देकर शपथ ग्रहण से पहले बेदाग़ होने की कोशिश करेंगे. ट्रंप इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर अपने पक्ष में इस्तेमाल करने की हर मुमकिन प्रयास भी करेंगे.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link