मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जया प्रदा के खिलाफ वारंट जारी हुआ है. ये कार्रवाई कोर्ट में गैरहाजिरी के चलते की गई है. इससे पहले कोर्ट ने जया प्रदा को समन भेजकर हाजिर होने का आदेश दिया था, इसके बावजूद वो हाजिर नहीं हुई थीं. ये मामला एक कार्यक्रम के दौरान जया प्रदा के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणियों से जुड़ा है.
इस केस में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन सहित कई अन्य सपा नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था. जया प्रदा ने इन नेताओं पर सार्वजनिक रूप से अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस मामले में पेश होने का निर्देश दिया है. जया प्रदा के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुरादाबाद में एक समारोह में समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जया प्रदा के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करने का आरोप लगा था. इस मामले में एसपी नेता आजम खान, एसटी हसन समेत छह नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. एमपी-एमएलए विशेष अदालत में इस केस की सुनवाई चल रही है.
अदालत में पेशी के दौरान मौजूद न होने पर जया प्रदा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया, मामले भी आजम खान पर भी दोषी होने के आरोप हैं. यह मामला पहले भी सुर्खियों में आ चुका है, जब सितंबर 30, 2024 को भी उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2025 को होगी.
जया प्रदा और सपा के रिश्ते
जया प्रदा ने 1994 में तेलुगू देशम पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. हालांकि, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से मतभेद के कारण उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) जॉइन की और रामपुर से सांसद बनीं. जया प्रदा ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में रामपुर से SP के टिकट पर जीत हासिल की. हालांकि, 2009 के चुनावों के दौरान उनके और सपा के कद्दावर नेता आजम खान के बीच रिश्ते खराब हो गए थे.
कहा जाता है कि आजम खान नहीं चाहते थे कि जया प्रदा को एक बार फिर रामपुर से सपा का टिकट मिले, लेकिन अमर सिंह की मदद से उन्हें टिकट मिला और उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की, हालांकि इस बार उनकी जीत का मार्जिन पहले की तुलना में काफी कम हो गया था. इसके बाद जया प्रदा की सपा से दूरी बढ़ी और उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निकाल दिया गया.
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