गोशाला पहुंची जांच टीम
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही बृहद गोसंरक्षण केंद्र में रखी गई गाय को कोल्ड ड्रिंक पिलाने और फर्नीचर पर सुलाने का मामला सामने आया था. इसके बाद से ही विभाग में खलबली मच गई थी. अब इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम जांच करने के लिए गोशाला पहुंची. इस गोशाला को चलाने के लिए कई ग्रामसभा के प्रधानों ने 22 लाख रुपए का बजट दिया था. जिसका ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा मिलकर बंदर बांट किया गया था.
गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर गांव में बनाया गई बृहद गोशाला के रखरखाव और पशुओं के चारे के लिए तत्कालीन उपजिला अधिकारी ने आसपास के ग्राम पंचायतों के सदस्यों के साथ एक बैठक कर ग्राम प्रधानों से पंचायत निधि से कुछ धन देने की बात कही थी. उन ग्राम प्रधानों ने पशुओं के चारे के लिए खाते में 22 लाख रुपए इकट्ठा किया. उस 22 लाख में से ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने ₹4 लाख गोशाला संचालन करने वाली संस्था को दिया था. इसके अलावा ग्राम प्रधान ने अपने पति के फर्नीचर के फर्म पर 17 लाख रुपए और बहनोई के कोल्ड ड्रिंक की फर्म के अकाउंट में डाले. कुछ पैसे रिश्तेदारों के गिट्टी बालू के फर्म पर भी दिया गया. इसी को लेकर गांव के ही रहने वाले जयंत राम ने डीएम से इसकी शिकायत की थी. एड़ियो पंचायत ने जांच कर मामले का निस्तारण कर दिया था.
दूसरे युवक ने की शिकायत
जांच से संतुष्ट न होने पर गांव के ही रहने वाले एक अन्य युवक नित्यांश राय ने सीएम को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था तब जाकर जिला प्रशासन कई दिन बीत जाने के बाद एक्टिव मोड में आया. बाद में जिलाधिकारी के निर्देश पर एक कमेटी बनाई गई जिसमें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अरविंद शाही, डीपीआरओ अंशुल मौर्य और लेखा अधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग अभिषेक यादव शामिल हुए. उनकी टीम एक दिन पहले अचानक गोशाला पर धमक पड़ी. जिसके बाद गोशाला संचालक और ग्राम प्रधान के साथ सेक्रेटरी और अन्य अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बन गई.
टीम ने एक-एक ट्रांजेक्शन खंगाला
जांच टीम गोशाला के अंदर पहुंची और वहां पर एक-एक बिंदु की जांच शुरू कर दी. इस जांच के दौरान किसी भी बाहरी व्यक्ति को गोशाला के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. ग्राम पंचायत ने जांच टीम को जो अभिलेख पेश किए गए वह सभी अभिलेख आधे अधूरे थे. गोशाला के अंदर जो कुछ निर्माण कराए गए थे उसका रिकॉर्ड ग्राम पंचायत नहीं प्रस्तुत कर पाई. वहीं अब जांच टीम जांच के बाद जो अपनी रिपोर्ट तैयार की है उस रिपोर्ट को जिला अधिकारी के सामने रखेगी और उसके बाद जिला अधिकारी के द्वारा इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि इस मामले को TV9 डिजिटल ने भी उठाया था और इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि से बात की थी तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने भी स्वीकार किया था कि पैसा उसके फर्नीचर के फर्म में और कोल्ड ड्रिंक वाले फर्म में दिया गया है. इसके बारे में विशेष जानकारी सेक्रेटरी के द्वारा ही पता चल पाएगी.
– India Samachar
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