2025 देश की राजनीति खासकर कांग्रेस और बीजेपी के लिए काफी अहम रहने वाली है. इस साल दोनों पार्टियों के संगठन बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. बीजेपी में जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई बड़े पदों पर नई नियुक्तियां होगी, वहीं ओल्ड ग्रैंड कांग्रेस में भी ऊपर से नीचे तक बदलाव प्रस्तावित है.
कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों 2025 के बदलाव के बाद लोकसभा चुनाव 2029 तक कोई भी बड़ा फेरबदल नहीं होगा. यही वजह है कि 2025 में होने वाले इन बदलावों को काफी अहम माना जा रहा है.
बीजेपी संगठन में ये बदलाव संभव
साल 2025 में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के संगठन में 50 प्रतिशत से ज्यादा बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही है. इसी साल पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मिलेगा. वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्र सरकार में मंत्री बन गए हैं. कहा जा रहा है कि 15 जनवरी के बाद बीजेपी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन कर लेगी.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ संगठन महासचिव भी बदले जा सकते हैं. वर्तमान संगठन महासचिव बीएल संतोष पिछले 5 साल से पद पर हैं. 2019 में नड्डा के अध्यक्ष बनने से पहले बीएल संतोष को संगठन महासचिव की कुर्सी मिली थी. हालांकि, संतोष से पहले रामलाल करीब 13 साल तक संगठन महासचिव के पद पर रहे थे.
इसके अलावा नए अध्यक्ष अपनी टीम भी बनाएंगे, जिसमें कुछ फेरबदल हो सकता है. राष्ट्रीय स्तर के अलावा बीजेपी में कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाने हैं. इनमें झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं.
झारखंड के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राज्य के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने इस्तीफा दे दिया है. पार्टी अब उनका उत्तराधिकारी खोज रही है. इसी तरह महाराष्ट्र में जीत के बाद प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले मंत्री बन गए हैं. एक पोस्ट, एक व्यक्ति फॉर्मूला की वजह से अब यहां भी पार्टी किसी दूसरे व्यक्ति को अध्यक्ष नियुक्त करेगी.
इसी तरह मुंबई प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार भी फडणवीस कैबिनेट में शामिल हो गए हैं. शेलार का उत्तराधिकारी भी पार्टी 2025 में ही घोषित करेगी. गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल भी केंद्र में मंत्री हैं. 2025 में पाटिल के उत्तराधिकारी का ऐलान भी बीजेपी कर सकती है.
यही स्थिति पश्चिम बंगाल की है. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष शांतनु ठाकुर केंद्र सरकार में मंत्री हैं. ठाकुर के भी उत्तराधिकारी 2025 में नियुक्त किए जाने की बात कही जा रही है.
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी. यहां के निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी लोकसभा में हार के बाद ही अपने पद छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं.
कांग्रेस में भी बड़े बदलाव की आहट
2022 के आखिर में मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे, लेकिन तब से अब तक कांग्रेस संगठन के शीर्ष पदों पर बड़े बदलाव नहीं हुए हैं. 2024 में हार के बाद से ही संगठन के कई महामंत्रियों के बदले जाने की बात कही जा रही है. मुख्य संगठन के साथ कांग्रेस के कई फ्रंटल संगठन में भी बदलाव की सुगबुगाहट है.
इसके अलावा कई राज्यों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने हैं. इनमें केरल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र प्रमुख है. केरल में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यहां कांग्रेस नए सिरे से नेतृत्व के साथ मैदान में उतरेगी. 10 साल बाद कांग्रेस को केरल में वापसी की उम्मीद है.
हरियाणा और महाराष्ट्र में करारी हार के बाद दोनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. दोनों ही राज्यों में ने अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है. इसी तरह ओडिशा और उत्तर प्रदेश में पूरी कांग्रेस की इकाई भंग हो चुकी है.
दोनों ही राज्यों में पार्टी नए अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी. राजस्थान के वर्तमान अध्यक्ष गोविंद डोटासरा का कार्यकाल भी 2025 में पूरा हो जाएगा. यहां भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है.
छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की तैयारी में है. निवर्तमान अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में पार्टी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव हार चुकी है.
इन पार्टियों में भी होने हैं बदलाव
सीताराम येचुरी के निधन की वजह से सीपीएम को भी अपना नया मुखिया चुनना है. अप्रैल 2025 में सीपीएम के नए महासचिव पर फैसला होगा. केरल चुनाव को देखते हुए सीपीएम अपना नया महासचिव चुनेगी.
बिहार में 2025 के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. यहां आरजेडी मुख्य लड़ाई में है. आरजेडी अपने बिहार इकाई में बड़ा बदलाव कर सकती है.
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