जिस दौर में औरतें फिल्मों में ही कम नजर आती थीं और अगर आती भी थीं तो सिर्फ साड़ी या सूट पहनती थीं, उस दौर में अगर कोई एक्ट्रेस बिकिनी या मोनोकिनी पहन ले तो हंगामा होना तय था. कुछ ऐसा ही हुआ था सैफ अली खान की मां शर्मिला टैगोर के साथ. जब फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ की शूटिंग में उन्होंने मोनोकिनी पहन ली थी. इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि शर्मिला टैगोर को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा था. लेकिन उसी दौरान कुछ ऐसा हुआ था कि शर्मिला टैगोर को खुद आधी रात में मोनोकिनी वाले पोस्टर हटवाने पड़े थे. चलिए वो किस्सा जानते हैं.
शर्मिला टैगोर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक पुराने इंटरव्यू में कहा था, “फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ में मेरा काफी ग्लैमरस रोल था. मुझे वो रोल पसंद आया था, लेकिन तब मुझे ये भी लगा था कि ग्लैमरस रोल तो अच्छा है, लेकिन अगर मैं चाहती हूं कि लोग मुझे गंभीरता से लें, तो मुझे कुछ मीनिंगफुल किरदार भी करने होंगे.”
शर्मिला टैगोर ने क्या कहा था?
उन्होंने बताया, “जब मैंने मोनोकिनी पहनी तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री हैरान रह गई थी. लोगों ने सवाल उठाए थे. लेकिन आज की फिल्मों को देखें तो उसके मुकाबले वो सीन और फिल्म कुछ भी नहीं लगती है.” शर्मिला टैगोर को लेकर एक किस्सा और है कि उन दिनों शर्मिला टैगोर पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी को डेट कर रही थीं. नवाब पटौदी, शर्मिला टैगोर से शादी करना चाहते थे. उन्होंने ये बात अपनी मां को बताई थी.
रातोंरात हटाए गए थे पोस्टर
मंसूर अली खान की मां साजिदा सुल्तान भोपाल की नवाब बेगम हुआ करती थीं. उन्होंने अपनी होने वाली बहू को देखने की इच्छा जताई. उसी वक्त ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ फिल्म रिलीज हुई थी तो शर्मिला टैगोर के मोनोकिनी वाले पोस्टर मुंबई शहर में लगे हुए थे. जब शर्मिला को इस बात की जानकारी हुई कि उनकी होने वाली सासू मां आ रही हैं तो उन्होंने घबराकर फिल्म के प्रोड्यूसर को फोन किया. शर्मिला ने उनसे रिक्वेस्ट की कि इन पोस्टर्स को हटा दिया जाए. प्रोड्यूसर ने शर्मिला की बात मानी और आधी रात में ही सारे पोस्टर शहर से हटवाए गए. इसके बाद उनकी मां शर्मिला टैगोर से मिलीं और फिर दोनों की शादी हो गई.
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