पाकिस्तान की सैन्य अदालतों ने बीते साल 9 मई 2023 के हमलों के दोषियों को सजा करना शुरू कर दिया है. कोर्ट ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और दंगों में शामिल 25 लोगों को 2 से 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने शनिवार 21 दिसंबर को यह घोषणा की. जिसके मुताबिक रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू), मियांवाली में पाकिस्तान वायु सेना बेस और देश के अन्य महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में सक्रिय भागीदारी के लिए 25 नागरिकों को दोषी ठहराया गया है.
दरअसल पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान देश में जमकर जबरदस्त बवाल मचा था. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे. दंगों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था. इसी मामले में 25 लोगों को 2 से 10 साल तक कारवास की सजा सुनाई है. आईएसपीआर ने दावा किया कि उचित कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही दोषियों को सजा सुनाई गई है. बताया जा रहा है कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की तरफ से सजा सुनाना पहला चरण है. सबूतों की गहन समीक्षा और जांच के बाद भविष्य में और भी दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.
सैकड़ों संदिग्धों को किया गया था गिरफ्तार
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थकों ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पार्टी संस्थापक इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए 9 मई 2023 को रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में ISI भवन समेत कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था. इस मामले मे देश भर में की गई छापेमारी में सैकड़ों संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल होने के कारण कम से कम 103 को मुकदमे के लिए सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया.
‘पाकिस्तान के इतिहास में एक काला अध्याय’
इस मामले में सेना ने एक विस्तृत बयान में कहा है कि राष्ट्र ने 9 मई को कई स्थानों पर राजनीतिक रूप से उकसावे वाली हिंसा और आगजनी की दुखद घटनाओं को देखा जो पाकिस्तान के इतिहास में एक काला अध्याय है. सेना ने कहा कि नफरत और झूठ के निरंतर विमर्श के आधार पर सैन्य प्रतिष्ठानों और शहीदों के स्मारकों पर राजनीतिक रूप से योजनाबद्ध हमले किए गए.
25 लोगों को सुनाई गई सजा
बयान के मुताबिक फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने सबूतों की गहन समीक्षा और उचित कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद पहले चरण में 25 लोगों को सजा सुनाई. कहा गया है कि दोषियों को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए 2 से 10 साल तक कारावास की सजा सुनाई गई है. इनमें 14 लोगों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई, जबकि बाकी 11 लोगों को 2 से 9 साल की अवधि की सजा सुनाई गई है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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