Ghaziabad News :
यति नरसिंहानंद की पुरानी पोस्ट वायरल करने के मामले में नामजद किए गए मोहम्मद जुबैर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिलने की खबर है। हाईकोर्ट ने जुबैर के खिलाफ 6 जनवरी तक कोई कार्रवाई किए जाने पर रोक लगाने के साथ ही देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि मोहम्मद जुबैर को खतरनाक अपराधी नहीं है। कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से 6 जनवरी तक जवाब तलब किया है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस नलिन कुमार की बेंच ने ऑल्ट न्यूज के संपादक मोहम्मद जुबैर की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है।
डा. उदिता त्यागी ने दर्ज कराया था मुकदमा
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के बयान को लेकर उपजे विवाद के बाद मोहम्मद जुबैर ने अपने एक्स हैंडल से एक वीडियो क्लिप वायरल की थीं। इस पर यति नरसिंहानंद ट्रस्ट की महासचिव डा. उदिता त्यागी की ओर से गाजियाबाद में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ भड़काऊ वीडियो शेयर करने का आरोप था। पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 196, 228, 299 और 351 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बाद में धाारा- 152 भी जोड़ी गई थी। मोहम्मद जुबैर ने इसी मामले में याचिका दायर करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सरकार की ओर से दी गई क्लिप की जानकारी
शुक्रवार को हई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से यति नरसिंहानंद सरस्वती के भाषण पर जुबैर द्वारा पोस्ट की गई क्लिप की जानकारी दी गई, और इस कृत्य को देश की अखंडता के लिए खतरा बताया गया। एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कोर्ट से कहा कि जुबैर के द्वारा यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। डा. उदिता त्यागी ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि जुबैर ने मुस्लिम पक्ष को भड़काने के लिए पुरानी वीडियो की क्लिप बनाकर वायरल कीं।
जुबैर ने कहा मेरा उद्देश्य पुलिस को सचेत करना था
जुबैर की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मेरे द्वारा पोस्ट की गई क्लिप हिंसा भड़काने के उद्देश्य से नहीं बल्कि यति नरसिंहानंद के कृत्यों के बारे में पुलिस अधिकारियों को सचेत करने के उद्देश्य से की गई थी। जुबैर ने याचिका में अदालत से एफआईआर रद्द करने और दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा दिए जाने की मांग की है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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