Ghaziabad News :
परिफेरल एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली की परिक्रमा करने का एडवेंचर अब पुराना हो गया है। जल्दी ही एक्सप्रेस-वे के साथ- साथ लग्जरी ट्रेन से सफर का भी लुत्फ लिया जा सकेगा और आप बहुत कम समय व पैसों में दिल्ली की परिक्रमा कर सकेंगे। यह सपना साकार होगा आर्बिटल रेल कॉरिडोर से। पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ प्रस्तावित इस कॉरिडोर के आसपास टीओडी (ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलमेंट) होगा, जो देश की राजधानी के चारों विकास के नए द्वार खोलेगा। कॉरिडोर के आसपास ही रेजीडेंसियल प्रोजेक्ट भी आएंगे, जो दिल्ली -एनसीआर में आबादी के बोझ को योजनाबद्ध तरीके से संभालने में सक्षम होंगे। पूरी योजना के बारे में समझने के लिए इस खबर को पूरी पढ़ें।
एचआरआईडीसी कर रही फिजिबिलिटी स्टडी
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के रीजनल प्लान – 2041 में दिए गए प्रस्ताव धीरे- धीरे धरातल पर आ रहे हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्लान, आर्बिटल रेल कॉरिडोर की फिजिबिलिंग रिपोर्ट की तैयारी अंतिम चरण में है। फाइनल करने से पहले हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एचआरआईडीसी) की ओर से फिजिबिलिटी रिपोर्ट का प्रजेंटेशन किया गया। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में हुए प्रजेंटेशन के दौरान जीडीए वीसी अतुल वत्स और सचिव राजेश कुमार सिंह के अलावा एनसीआर यूपी सेल, यूपीसीडा और यूपीएसआरटीसी के अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी एचआरआईडीसी को दी गई है, इसके लिए जीडीए एचआरआईडीसी को डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। कॉरिडोर के निर्माण के लिए यूपी सरकार की ओर से जीडीए को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ बनेगा कॉरिडोर
दिल्ली के चारों ओर पेरिवेरल एक्सप्रेस-वे के साथ आर्बिटल रेल कॉरिडोर बनेगा। इससे लोगों को बिना दिल्ली में प्रवेश किए यूपी से हरियाणा और हरियाणा से यूपी की ओर जाने के लिए सस्ता और फास्ट विकल्प उपलब्ध होगा। परिफेरल एक्सप्रेस-वे की ही तरह यह भी देश की राजधानी को बढ़ते यातायात दवाब को कम करने वाला होगा। आर्बिटल रेल से दफ्तर में काम करने या फिर व्यापार के सिलसिले में सस्ता और सुलभ सार्वजनिक परिवहन का साधन उपलब्ध होगा। पूरा प्रोजेक्ट करीब 135 किमी का होगा।
यूपी में 90 किमी होगी प्रोजेक्ट की लंबाई
यूपी के हिस्से में आने वाले आर्बिटल रेल कॉरिडोर की लंबाई करीब 90 किमी होगी। यह उत्तर प्रदेश के बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जनपद को जोड़ते हुए हरियाणा और यूपी को मिलाने का काम करेगा। माल ढुलाई के लिए इसका इस्तेमाल फ्रेट कॉरिडोर की तरह भी हो सकेगा, जो दिल्ली के चारों ओर से होते हुए दादरी फ्रेड कॉरिडोर के जरिए देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ेगा। हरियाणा के हिस्से में प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 45 किमी होगी।
दो विकल्पों पर की गई है स्टडी
जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि एचआरआईडीसी ने प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी स्टडी पूरी कर ली है।फिजिबिलिटी रिपोर्ट का मसौदा भी तैयार है, अब उसे अंतिम रूप दिया जाना है। स्टडी के मुताबिक आर्बिटल रेल कॉरिडोर, पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के अंदर और बाहर, दोनों ओर तैयार किए जाने के विकल्प मौजूद हैं। अब यह निर्णय शासन स्तर से होगा कि कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे के अंदर की ओर रहेगा या फिर बाहर की ओर। एचआरआईडीसी की ओर से दोनों एलाइनमेंट पर अपनी रिपोर्ट पेश की गई है। रूट को गूगल अर्थ पर चिन्हित करते एचआरआईडीसी के अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण, आबादी और कनेक्टिविटी को लेकर तुलनात्मक रिपोर्ट पेश की है।
अध्ययन कर रिपोर्ट देंगे अधिकारी
जीडीए वीसी ने बताया रिपोर्ट की मसौदे की स्टडी करने की जिम्मेदारी जीडीए सचिव को सौंपी गई है। सचिव प्लानिंग विभाग और एनसीआर सेल के अधिकारियों से भी इसमें जरूरी सहयोग लेंगे, उसके बाद जरूरी संसोधन के प्रस्ताव के साथ रिपोर्ट एचआरआईडीसी को भेजी जाएगी। अंतिम फैसला शासन स्तर से लिया जाएगा। यूपी में इस कॉरिडोर को ईस्टर्न आर्बिटल रेल कॉरिडोर ( ईओआरसी) का नाम दिया गया है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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