नाव हादसे में 13 लोगों की हुई मौत
महाराष्ट्र में गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार शाम को हुए दर्दनाक नाव हादसे (Mumbai Boat Accident Update) में 13 लोगों की मौत हो गई. 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है. इस पूरी घटना में कहां और क्या लापरवाही हुई, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अब तक हुई जांच से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक 4 कारणों से यह हादसा हुआ है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो 4 कारण (Boat Accident Reasons) जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया.
हर दिन हजारों की संख्या में लोग मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के लिए पहुंचते हैं. इस दौरान इनमें से ज्यादातर एलिफेंटा आईलैंड को भी देखने के लिए जाते हैं. एलिफेंटा आईलैंड के लिए नाव से जाना होता है. बुधवार दोपहर को भी लोग आईलैंड को देखने के लिए एक नीलकमल नाम की बड़ी नाव से जा रहे थे, लेकिन लापरवाही की वजह से यहां दर्दनाक हादसा हो गया. तेज रफ्तार नेवी की बोट यात्रियों से भरी नाव से टकरा गई और फिर 13 लोगों की मौत हो गई.
हादसे के पीछे ये 4 कारण सामने आए हैं-
- नाव में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना
- गलत जगह पर नेवी बोट की टेस्टिंग
- सेफ्टी गैजेट की कमी
- नौसेना नाव के चालकों का स्टंट करना
कैपेसिटी से ज्यादा लोग
बताया जा रहा है जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नीलकमल नाव में करीब 120 से ज्यादा लोग सवार थे. हालांकि, नाव की केपेसिटी केवल 80 लोगों की ही थी. प्रशासन की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से यहां केपेसिटी से ज्यादा लोगों को बैठाकर नाव चलाई जा रही है, जो बीते बुधवार को 13 लोगों की मौत का कारण बनी हैं. हादसे को लेकर पीड़ित परिवार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.
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सुरक्षित जगह पर टेस्टिंग
नाव हादसे को लेकर नेवी का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि नेवी की स्पीड बोट इंजन टेस्टिंग चल रही थी. इसी दौरान इंजन ने अपना नियंत्रण खो दिया और एक बड़ा हादसा हो गया. हादसे को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि जब सभी को पता है कि यह रास्ता यात्री बोट के लिए है, तो यहां टेस्टिंग की क्या जरूरती थी. टेस्टिंग हमेशा ऐसी जगह पर करनी चाहिए जहां कोई यात्री बोट आती-जाती ना हो.
नीलकमल बोट में सेफ्टी गैजेटकी कमी
नेवी की तेज रफ्तार वोट के टकराते ही नीलकमल बोट में एक छेद हो गया था. यात्रियों के देखते ही देखते ही नाव समुद्र में डूबने लगी थी. सभी लोगों ने बचने की कोशिश की, लेकिन बोट पर सुरक्षा के पूरे उपकरण ही नहीं थे, जो थे भी वह बहुत कम थे. इस कारण से यह हादसा और भी ज्यादा बड़ा होता चला गया. लोग पानी में डूब रहे थे, लेकिन उनके पास सेफ्टी गैजेट नहीं थे. हादसे से पहले अगर सुरक्षा बिंदुओं की जांच की जाती तो, शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
नौसेना नाव चालकों का स्टंट
हादसे को लेकर प्रत्यश्रदर्थियों का कहना है कि नौसेना नाव के चालक बहुत ही तेजी से नाव पर स्टंट कर रहे थे. उनकी स्पीड लगभग 100 किलोमीटर घंटा थी. वह हवा में खुब तेजी से नाव गोल-गोल लहरा रहे थे. साथ ही नाव को हवा में उड़ा के खतरनाक स्टंट कर रहे थे. इसी दौरान नौसेना के नाव चालकों की लापरवाही के कारण उनकी नाव यात्रियों से भरी नाव में टकरा गई थी.
– India Samachar
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