नाव हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई.
मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास नाव हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा कई हंसते खेलते परिवारों को दर्द दे गया. तेज रफ्तार नेवी की स्पीड बोट एक नाव से टकरा गई. नेवी बोट पर तीन सैनिक सवार थे, उनकी भी इस हादसे में जान चली गई. वहीं, नाव पर सवार 10 लोग इस हादसे का शिकार हुए हैं. इस हादसे में 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया. जो लोग इस हादसे में बच गए वह इस भयावह मंजर को भूल नहीं पा रहे हैं. इस हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है वह सिसक रहे हैं. चश्मदीदों के मुताबिक, इस हादसे ने टाइटैनिक जहाज हादसे की यादें ताजा कर दीं.
नाव हादसे में घायल हुए लोगों को मुंबई के अलग-अलग अस्प्तालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. जो लोग इस हादसे में बच गए उन्होंने उस वक्त की याद करते हुए बताया कि बोट की रफ्तार करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा की थी. वह समुद्र में गोल-गोल चक्कर काट रही थी. अचानक तेज गति के साथ उनकी नाव से टकरा गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी नाव एक झटके से हिल गई. नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगे.
डूबती महिला को खींचा
नाव में सवार लोग गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा की ओर जा रहे थे. इनमें बैंगलोर से अपने दोस्तों के साथ घूमने आए राम भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि वह एलिफेंटा की गुफाओं को देखने के लिए नाव में सवार हुए थे. उनके साथ उसके तीन दोस्त भी थे. वह जब समुद्र में पहुंचे तभी तेज रफ्तार से आई छोटी नाव उनकी नाव से टकरा गई. उन लोगों ने लाइफ जैकिट पहने रखी थी. टक्कर लगते ही उनकी नाव में पानी भरने लगा. उनकी नाव टूट गई, जो लोग नाव में सवार थे वह समुद्र में चले गए. उन्होंने बताया कि एक महिला डूबने लगी, उसने उसे खींच लिया.
मौसी का नहीं लग रहा पता
उत्तर प्रदेश के गौतम मुंबई में रहते हैं. उनकी मां, बहन और मौसी घूमने के लिए यूपी से आई थीं. वह लोग नाव में सवार थे. गौतम ने बताया कि हादसे में वह, उसकी मां और बहन बच गए, लेकिन उनकी मौसी का पता नहीं चल पा रहा है. इस हादसे में कई लोग ऐसे हैं जिनका अपने परिवार से संपर्क नहीं हो पाया. कई आपस में इलाज के दौरान बिछड़ गए. अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए इन्हें भर्ती कराया गया. इन्हीं में से एक तरुण है. इसकी उम्र 14 साल है.
बचाव में लगाए हेलिकोप्टर और जहाज
तरुण अपने परिजनों के साथ घूमने के लिए निकला था. उसके साथ में उसकी मां-बाप, भाई और भाभी थे. वह उन्हें खोज रहा है. मां का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है, लेकिन बाकी लोगों का पता नहीं चल पा रहा है. हादसे में बचे लोगों का कहना है कि प्रशासन ने मदद में देरी कर दी. वहीं, हादसे की खबर मिलते ही रेस्क्यू के लिए नेवी के चार हेलिकोप्टर, 10 जहाज, एक तटरक्षक नाव और समुद्री पुलिस को लगाया गया था.
– India Samachar
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