Ghaziabad News :
गाजियाबाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अपराध कबूल करने और आगे से ऐसा न करने की शपथ लेने पर अनोखी सजा सुनाई है। भागमल ने कोर्ट से कहा है कि अब कभी गलत काम नहीं करूंगा और मेहनत- मजदूरी करके इमानदारी से बच्चे पालूंगा। साहब मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं और मेरे अलावा घर में कोई कमाने वाला नहीं है इसलिए जुर्माना कम लगाया जाए। अदालत ने भागमल की सुन ली और मात्र एक हजार रुपये का जुर्माना भरने और दिन भर कोर्ट में खड़े रहने की सजा सुनाई।
जानिए क्या है पूरा मामला
मामला 16 साल पुराना है। लोनी थाना पुलिस ने 2008 में भागमल को अवैध शराब बेचते पकड़ा था। पुलिस ने उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया और कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। बाद में भागमल को मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन 16 साल तक भागमल लगातार पेशी पर हाजिर होता रहा, लेकिन गवाह पेश नहीं हुए और मामले में तारीख पड़ती रहीं। अब कोर्ट के समक्ष पेश होकर भागमल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और साथ ही यह शपथ भी ली कि आगे से कोई गलत काम नहीं करूंगा और मेहनत- मजदूरी अपने बच्चे पालूंगा।
साहब बच्चे छोटे हैं, कमाने वाला मैं ही हूं
भागमल ने अदालत से दर्खास्त की कि साहब मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। माली हालत अच्छी नहीं है। घर में मैं ही कमाने वाला हूं, इसलिए मुझ पर कम जुर्माना लगाया जाए। अदालत ने भागमल की दर्खास्त पर विचार किया और पाया कि वह 16 साल तक लगातार नियमित रूप से अदालत में पेश हुआ और पूरा सहयोग किया। सारी परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट जारी रहने तक खड़े रहने और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुना दी।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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