करीब 6 साल पहले जर्मनी में खुदाई के दौरान एक इंसान का कंकाल मिला था. इसको लेकर दावा किया गया कि इसे तीसरी शताब्दी में दफनाया गया होगा. कंकाल के गले में एक ताबीज भी मिला था, जिसने लोगों में कौतूहल पैदा किया. इसका साइज 3.5 सेंटीमीटर था. ताबीज में चांदी की बारीक परत पर 18 लाइनों में कुछ लिखा हुआ था, जिसको लेकर अब बड़ा खुलासा हुआ है.
ताबीज पर जो कुछ लिखा था, उससे पता चला है कि ये ऐसे व्यक्ति का कंकाल था जो ईश्वर में अटूट विश्वास रखता था. वो ईसाई था. तकनीक की मदद से लिखावट का रहस्य से पर्दा उठा तो पता चला कि लैटिन भाषा में ईसा मसीह की तारीफ की गई है. ताबीज पर होली… होली… होली… लिखा गया था.
ये खोज सनसनीखेज है
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के मेयर ने इस खोज को सनसनीखेज बताया है. मेयर ने कहा कि ताबीज पर लिखे शब्दों से पर्दा उठना वैज्ञानिक सनसनी है. इससे हमें ईसाई धर्म के इतिहास को और जानने का मौका मिलेगा. हमें धर्म के इतिहास को और पीछे ले जाना होगा. इसकी सीमा 50 से 100 साल पहले तक हो सकती है.
कंकाल तीसरी शताब्दी का है
फ्रैंकफर्ट की गोएठे यूनिवर्सिटी में पुरातत्व के प्रोफेसर मार्कुस शॉल्त्स ने जर्मन न्यूज एजेंसी डीपीए को बताया कि ये ताबीज आल्प्स पर्वत के उत्तर से मिली ईसाई धर्म से जुड़ी सबसे पुरानी खोज है. फ्रैंकफर्ट में मिला कंकाल तीसरी शताब्दी का है. इस समय क्रिश्चियन धर्म मानने वाले लोगों पर उत्पीड़न का जोखिम था. मगर, फ्रैंकफर्ट में रहने वाले इस इंसान का धार्मिक विश्वास इतना अटूट था कि वो इसे कब्र में भी साथ ले गया.
ऐसे ताबीज को फिलेक्टरीज कहते थे
जर्मन अखबार ‘डॉयचलैंडफुंक’ के मुताबिक, ऐसे ताबीज को फिलेक्टरीज कहते थे. माना जाता था कि इससे लोगों की रक्षा होती है. वहीं, प्रोफेसर शॉल्त्स ने ये भी बताया है कि ये ताबीज आमतौर पर अलग-अलग ईश्वरों से जुड़े होते थे. इस पर अलग-अलग लिपियां इस्तेमाल की जाती थीं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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