इस तिथि को जन्मे विश्व चैंपियन शृंखला के तहत मैं एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताना चाहूंगा जिन्हें सर्वकालिक सबसे मजबूत खिलाड़ी के रूप में गिना जाता है। वो कोई और नहीं बल्कि मैग्नस कार्लसन हैं। स्वेन मैग्नस कार्लसन का जन्म नॉर्वे के टोंसबर्ग में 30 नवंबर 1990 को हुआ। उनकी मां सिगरन ओइन एक केमिकल इंजीनियर थीं जबकि पिता हेनरिक अल्बर्ट कार्लसन एक आईटी सलाहकार ।
मैग्नस ने शतरंज की शुरुआत अपनी बड़ी बहन को गेम में हराने की चुनौती के साथ शुरू की और देखते ही देखते वह बाकी सभी को भी हराने लगे। नैसर्गिक रूप से प्रतिभावान कार्लसन ने 13 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर लिया था। पंद्रह साल की उम्र में उन्होंने नॉर्वे की शतरंज चैंपियनशिप जीत ली। अठारह साल की उम्र में 2800 की रेटिंग पार कर ली। वर्ष 2010 में 19 साल की उम्र में वह दुनिया के सबसे युवा नंबर-1 खिलाड़ी बन गए।
कार्लसन 2013 में विश्वनाथन आनंद को हराकर विश्व शतरंज चैंपियन बने और उसके बाद 2014 में विश्वनाथन के खिलाफ अपने खिताब की रक्षा भी की। इसी साल उन्होंने विश्व रैपिड चैंपियनशिप और विश्व ब्लिट्ज चैंपियनशिप जीती। वह एक साथ तीन खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। उसके बाद उन्होंने यही गौरव 2019 और 2022 में भी हासिल किया। कार्लसन ने 2016 में सर्गेइ कारजेकिन के खिलाफ अपने क्लासिकल विश्व खिताब की रक्षा की।
उसके बाद 2018 में फैबियानो कारूआना और 2021 में इयान नेपोम्नियाचची के खिलाफ खिताब बचाया। बॉबी फिशर और अनातोली कार्पोव शतरंज के दो दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। अन्य दिग्गज गैरी कास्पारोव का मानना है कि कार्लसन के अंदर फिशर और कार्पोव दोनों के गुण शामिल हैं। हालिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैग्नस के शीर्ष पर रहने और अजेय दिखाई देने का कारण यह है कि उनके अंदर फिशर और कार्पोव दोनों के खेल का बड़ा सम्मिश्रण है।
वर्ष 2023 में उन्होंने गंभीर प्रतियोगिता और प्रतिद्वंद्विता न देखकर अपने खिताब का बचाव न करने का फैसला किया। हालांकि वह सक्रिय शतरंज से जुड़े रहे और बाकी खिलाड़ियों से . रहे । चेस के ज्यादातर पोर्टल उनके हैं और कोरोना महामारी के बाद उन्होंने शतरंज टूर्नामेंट का प्रायोजन भी शुरू कर दिया है। वह ग्लोबल चेस लीग में एल्पाइन एसजी पाइपर्स के लिए खेल रहे हैं।
लीग के लंदन में अक्तूबर 2024 में हुए दूसरे संस्करण के समय मुझे एल्पाइन एसजी पाइपर्स का कोच और कप्तान बनने का गौरव मिला। तब मुझे खेल को लेकर उनकी गहरी समझ और गणना का अंदाजा लगा। हर महीने कई युवा खिलाड़ी शतरंज में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। यह देखना शानदार है कि कार्लसन विश्व चैंपियनशिप के चरण में फिर से शामिल हो गए हैं और अपने रचनात्मक उपायों से खेल में योगदान दे रहे हैं।
कुछ हफ्ते पहले कार्लसन ने पांच वर्ष के अंतराल के बाद टाटा स्टील रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और दोनों टूर्नामेंट जीते। रैपिड में उन्होंने 7.5/9 और ब्लिट्ज में 13/18 अंक बनाए। यद्यपि कालर्सन ने क्लासिकल विश्व चैंपियनशिप चक्र में खेलना बंद कर दिया लेकिन तीनों रेटिंग क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज में शीर्ष पर है। आने वाले वर्षों में हम शतरंज में उनकी और रचनात्मकता देखने को मिलेगी।
(लेखक अर्जुन अवॉर्डी और अंतरराष्ट्रीय चेस ग्रैंडमास्टर हैं)
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