हिजबुल्लाह लीडर हसन नसरल्लाह और हाशिम सफीद्दीन दो महीने पहले इजराइली हमले में मारे गए थे. लेकिन यह समूह अब जाकर इन दोनों नेताओं के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है.
लेबनान की राजधानी बेरूत में जमीन के नीचे बने हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर इजराइल ने बंकर बस्टर बम से हमला किया, 27 सितंबर को हुए इस हमले में 3 दशक से हिजबुल्लाह की कमान संभाल रहे हसन नसरल्लाह की मौत हो गई.
2 महीने बाद होगा अंतिम संस्कार
वहीं इस हमले के करीब एक हफ्ते बाद इजराइल सेना एक और हमले में नसरल्लाह के उत्तराधिकारी माने जाने वाले हाशिम सफीद्दीन की भी मौत हो गई. इन दोनों लीडर्स की मौत के करीब 2 महीने बाद हिजबुल्लाह सार्वजनिक तौर पर उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है.
अंतिम संस्कार में क्यों हुई देरी?
दरअसल 23 सितंबर से इजराइल ने लेबनान में ‘फुल-फ्लेज्ड वॉर’ का ऐलान करते हुए भीषण हमले शुरू कर दिए थे. इसके कुछ दिनों बाद ही इजराइली सेना ने ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत कर दी. इस दौरान इजराइली सेना लगातार बेरूत समेत दक्षिणी लेबनान पर जबरदस्त बमबारी कर रही थी. इसी के चलते हिजबुल्लाह लीडर नसरल्लाह और हाशिम सफीद्दीन का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था.
सूत्रों के मुताबिक उन्हें अस्थायी तौर पर किसी सीक्रेट जगह पर दफना दिया गया था, क्योंकि हिजबुल्लाह को डर था कि अगर सार्वजनिक तौर पर अंतिम यात्रा निकाली गई तो इजराइली सेना उसे निशाना बना सकती है.
उस दौरान हिजबुल्लाह सूत्रों ने कहा था कि जब मुल्क के हालात थोड़े ठीक होंगे तब संगठन के इन वरिष्ठ लीडर्स का सार्वजनिक तौर पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. अब जबकि लेबनान में युद्धविराम का ऐलान हो गया है, ऐसे में हिजबुल्लाह ने हसन नसरल्लाह और उनके उत्तराधिकारी माने जाने वाले हाशिम सफीद्दीन के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई है.
हिजबुल्लाह ने किया जीत का दावा
हिजबुल्लाह के राजनीतिक परिषद के डिप्टी चीफ महमूद कमाती ने बताया है कि नसरल्लाह और सफीद्दीन के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं. बेरूत आधारित अल-मयदीन न्यूज नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक, कमाती ने ज़ोर देकर कहा है कि लेबनान के हिजबुल्लाह रेजिस्टेंस मूवमेंट ने न केवल लेबनान से बल्कि पूरे पश्चिमी एशिया से यहूदी शासन के आक्रमण को नाकाम करने में सफलता हासिल की है.
अंतिम यात्रा के जरिए शक्ति प्रदर्शन?
कमाती ने लेबनान की सरजमीं पर सीधे तौर पर 2 महीने से जारी जंग में जीत का दावा करते हुए कहा है कि उनकी जीत अरब देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि नसरल्लाह और सफीद्दीन की अंतिम यात्रा रेसिस्टेंस फ्रंट के समर्थन में लोकप्रिय और राजनीतिक रेफरेंडम की तरह काम करेगा. यानी 2 महीने बाद इन दो बड़े लीडर्स के अंतिम संस्कार के जरिए हिजबुल्लाह लेबनान में शक्ति प्रदर्शन करेगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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