मालदीव पर्यटकों के लिए दुनिया के सबसे महंगे देशों में से एक है. भारतीय अच्छी खासी संख्या में वहां घूमने जाते हैं. लेकिन वहां की सरकार अब एक ऐसा कदम उठाने जा रही जिससे मालदीव जाने की सोच रहे लोगों को झटका लग सकता है. दरअसल, वहां की सरकार एग्जिट फीस बढ़ाने जा रही है. 1 दिसंबर से इसे लागू किया जा सकता है.
कितना लगेगा टैक्स?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव से प्रस्थान करने वाले लोगों को फ्लाइट में क्लास के मुताबिक ज्यादा पैसा देना पड़ेगा. जैसे इकॉनोमी क्लास से सफर करने वालों को 50 डॉलर देना होगा. पहले ये 30 डॉलर था. वहीं, बिजनेस क्लास से सफर करने वालों को 120 डॉलर देना होगा. पहले ये 60 डॉलर था. वहीं, फर्स्ट क्लास से ट्रैवल करने वालों को 240 डॉलर देना होगा, जो पहले 90 डॉलर था. प्राइवेट जेट से प्रस्थान करने वालों लोगों को 480 डॉलर देना होगा. पहले ये 120 डॉलर था.
यह टैक्स गैर मालदीव लोगों पर लगेगा. चाहे उनकी उम्र कितनी भी हो. यही नहीं इसमें दूरी भी नहीं देखी जाएगी. लंदन से आने वाले लोगों से भी उतना टैक्स वसूला जाएगा, जितना दिल्ली से आने वाले लोगों पर. मालदीव इनलैंड रेवेन्यू ऑथिरिटी ने देश के वेलाना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रखरखाव के लिए राजस्व उत्पन्न करने के लिए नवंबर में कर वृद्धि की घोषणा की.
कुछ पर्यटकों को नए शुल्कों का पता भी नहीं चलेगा. ये शुल्क एयरलाइन टिकटों की कीमत में जोड़े जाते हैं. इसके अलावा, मालदीव के लिए उड़ान भरने वाली एक स्टार्टअप ऑल-बिजनेस-क्लास एयरलाइन ने ग्राहकों को नए टैक्स से बचने के लिए 30 नवंबर से पहले अपने टिकट खरीदने की सलाह दी है.
भारतीयों के गुस्से से मालदीव को हुआ था नुकसान
पीएम मोदी इस साल की शुरुआत में लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे. उनके उससे जुड़ी एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी. प्रधानमंत्री ने लोगों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी. पीएम की ये बात मालदीप को पसंद नहीं आई और कई नेताओं ने विवादित बयान भी दिया.
मालदीव के नेताओं के बयान के बाद भारतीयों ने उसका बहिष्कार करना शुरू कर दिया. दोनों देशों के संबंध भी खराब हो गए थे. भारतीयों के बायकॉट से मालदीव को झटका लगा था. इस दौरान मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई और लक्षद्वीप पहुंचने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई.
थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया मालदीव के संभावित विकल्प के रूप में सामने आए. इन देशों में समुद्र तट और घूमने-फिरने के अतिरिक्त विकल्प मालदीव पर दबाव बढ़ा रहे थे. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस बात को समझ गए थे कि भारत से दुश्मनी मोलने से नुकसान ही होगा, तो उन्होंने मित्रता और बढ़ानी शुरू कर दी.
मालदीव में स्थित लगभग 1,200 कोरल आइलैंड्स और एटोल शामिल हैं. वहां की जनसंख्या लगभग 520,000 है. मालदीव ज्यादातर चीजों के लिए भारत पर निर्भर रहता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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