Noida News :
नोएडा पुलिस कमिश्नर लख्मी सिंह ने दादरी में मीट फैक्ट्री प्रकरण में थाना प्रभारी को सस्पेंड और एसीपी को लाइन हाजिर किया है। इस एक्शन के बाद यूपी में बार फिर मांस के कारोबार का मुद्दा गर्मा गया है। लेकिन अगर देखा जाए तो यूपी सरकार को पिछले कुछ सालों में मांस के कारोबार में दोगुना फायदा हुआ है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मांस निर्यात में देश के टॉप सात जिलों में पांच यूपी के हैं। जबकि यूपी में भाजपा यानी योगी की सरकार है।
6 महीने में 9 हजार करोड़ का निर्यात
बात करें 2023 की यानी पिछले साल की तो यूपी ने17 हजार करोड़ से ज्यादा का भैंस का मांस निर्यात किया था। इस साल यानी 2024 में सिर्फ छह महीने में 9 हजार करोड़ का निर्यात हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक यूपी से 2.41 लाख किलो भैंस का मीट निर्यात किया गया है। इसकी कीमत करीब 6769 करोड़ रुपये है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 7.36 लाख किलो मीट निर्यात किया गया था। इस मीट की कीमत करीब 17682 करोड़ रुपये है। यूपी आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आगे निकल गया है। माना जा रहा है कि इतनी तेज वृद्धि ने सरकार को सचेत कर दिया था कि कहीं मानकों और नियमों की अनदेखी करके मीट का कारोबार तो नहीं किया जा रहा है।
मानकों और नियमों की अनदेखी का शक
दादरी की मीट फैक्ट्री में गौ मांस की पुष्टी होने से यह बात सच हो गई है कि इस कारोबार में मानकों और नियमों की अनदेखी की जा रही है। यहीं वजह है कि यूपी में मीट का कारोबार यूपी हर साल बढ़ता जा रहा है। इस पर गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर का कहना है कि मांस कारोबारियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। सरकार में बैठे दो अधिकारियों का इन्हें संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए मांस कारोबारी गौ मांस का भी निर्यात कर रहे हैं। यह बहुत अफसोस जनक है। उनकी सरकार से मांग है कि ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई हो और इस पूरे नेटवर्क को पकड़ा जाए।
भैंस के मांस का निर्यात साल दर साल बढ़ा
वित्त वर्ष निर्यात मात्रा
23-24 17682 करोड़ 7,36,569 किलोग्राम
22-23 14203 करोड़ 6,49,675 किलोग्राम
21-22 13461 करोड़ 6,47,247 किलोग्राम
18-19 12830 करोड़ 6,22,640 किलोग्राम
16-17 9806 करोड़ 5,04,696 किलोग्राम
शीर्ष 7 मांस निर्यातक जिलों में से 5 यूपी के
मुंबई 39.94 प्रतिशत
नई दिल्ली 24.93 प्रतिशत
अलीगढ़ 06.28 प्रतिशत
गाजियाबाद 05.93 प्रतिशत
आगरा 04.68 प्रतिशत
मेरठ 03.16 प्रतिशत
उन्नाव 02.10 प्रतिशत
बकरे के मांस का निर्यात नाममात्र
यूपी से बकरे और भेड़ के मांस का निर्यात नाममात्र है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अगस्त के बीच सिर्फ 15 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है। जबकि पिछले साल 38 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ था। प्रोसेस्ड मीट की बात करें तो सिर्फ 3.16 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ है। दरअसल बूचड़खाने बकरे के मांस के निर्यात में कम रुचि रखते हैं क्योंकि विदेशों में इसकी मांग कम होने के साथ-साथ कमाई भी कम होती है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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