उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पीपीगंज नगर पंचायत से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक परिवार की छोटी बहू ने पति से विवाद के बाद आत्महत्या कर ली. इसकी जानकारी जब बड़ी बहू को हुई तो वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी. सोमवार की रात में उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया. इस घटना से मोहल्ले के लोग सदमे में हैं और परिवार में कोहराम मचा है.
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि नगर पंचायत व थाना पीपीगंज के वार्ड नम्बर चार तिघरा में नेबुलाल का परिवार रहता है. नीबूलाल के चार बेटे हैं. सबसे छोटे बेटे संतोष मद्धेशिया का अपनी 30 वर्षीय पत्नी ममता के साथ बीते रविवार को विवाद हुआ था. इस मामले में परिवार के लोगों को कहना था कि दोनों में अक्सर विवाद होता रहता था. उसी कड़ी में यह भी विवाद हुआ था. विवाद के बाद संतोष अपने जरूरी काम से बाहर चला गया और उसकी पत्नी घर के कामों में लग गई. दोपहर के समय अचानक वह अपने कमरे में गई और देर तक नहीं निकली.
देवरानी ने किया सुसाइड
इसी दौरान बच्चे भी बाहर से जब खेल कर आए और मां को बुलाने लगे तो भी वह दरवाजा नहीं खोल रही थी. उसके बाद परिवार के लोग काफी देर तक खटखटाते रहे लेकिन दरवाजा नहीं खुला. ऐसे में घरवालों ने रोशनदान के रास्ते देखा तो वहां का दृश्य देखकर हतप्रभ रह गए. अंदर पंखे के कुंडे में दुपट्टे का फंदा लगाकर ममता लटकी हुई थी. यह देख घर में कोहराम मच गया. रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी पहुंचे. इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाल और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस घटना से पूरे परिवार सदमे में था.
भाभी की बिगड़ी तबीयत, मौत
इसी दौरान मनोज मद्धेशिया की 41 वर्षीय पत्नी रीता की तबीयत खराब होने लगी. परिवार के लोगों का कहना है कि देवरानी की मौत के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. हम लोग बहुत समझाते रहे, लेकिन उनकी मनोदशा पर कोई असर नहीं पड़ रहा था. पति मनोज ने बताया कि मैं खुद चौराहे पर डिस्पेंसरी चलाता हूं. अपने से भी दवा दी थी, लेकिन रात में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई. हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
24 घंटे के अंदर दो मौतें
परिवार में 24 घंटे के अंदर दो मौतों से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. मोहल्ले के लोगों का कहना था यह परिवार काफी खुशहाल था. पता नहीं किसकी नजर लग गई और 24 घंटे के अंदर ही दो मौंते हो गईं. ईश्वर ही इस परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे सकते है. ससुर नेबुलाल का कहना था कि अब मेरे पोते-पोतियों की देखभाल कैसे होगी. परिवार में कोई भी रहे लेकिन मां का स्थान कोई नहीं ले सकता है. मेरा परिवार तो पूरी तरह से बिखर गया, अब प्रभु ही हमारी रक्षा करें.
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