अखिलेश यादव और ब्रजेश पाठक.
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 9 सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों से समाजवादी पार्टी को कराया झटका लगा है. जिस तरह से पार्टी को उम्मीद थी परिणाम उसके उलट ही आए. 9 में से 7 सीट बीजेपी गठबंधन और महज 2 सीट सपा को मिलीं हैं. रविवार 24 नवंबर को सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के नतीजों से सपा के पैरों तले जमीन खिसक गई है. अखिलेश अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
दरअसल अखिलेश यादव ने चुनाव में धांधली होने का आरोप लगाया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सत्ता का दुरुपयोग किया है. सपा प्रमुख ने उपचुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया और कहा कि अगर निर्वाचन आयोग ईवीएम की फोरेंसिक जांच करवा ले तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और सच सभी के सामने आ जाएगा.
‘हार को पचा नहीं पा रहे हैं अखिलेश यादव’
अखिलेश के इन आरोपों पर उप मुख्यमंत्री पाठक ने पलटवार किया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंज किया कि सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों है, सैफई घराने में हर शख्स परेशान सा क्यों है. उन्होंने कहा कि सपा के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है और अखिलेश यादव इस हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
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इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री ने पा के शासनकाल और उसकी नीतियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सपा के नेता गुंडई, मवालीपन और अराजकता के लिए जाने जाते हैं. पाठक ने कन्नौज, अयोध्या और करहल की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब सपा के नेता दलित और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं, तब अखिलेश यादव की जुबान नहीं खुलती वो चुप्पी साधे रहते हैं.
‘अखिलेश यादव झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं’
इसके आगे उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं. पाठक ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान इन लोगों ने संविधान को खतरे में बताकर देश की जनता को बरगलाया. साथ ही महिलाओं को 8-8 हजार रुपए देने की बात कही थी, हालांकि बाद में महिलाओं ने इनके कार्यालयों का घेराव भी किया, जिसे पूरे देश ने देखा. जनता इनकी असलियत जान चुकी है और अब इन्हें पूरी तरह से नकार दिया है.
‘समाजवादी पार्टी को लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं’
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है. जब निर्वाचन आयोग ने लोकसभा का चुनाव कराया था तब ईवीएम अच्छी थी, तब निर्वाचन आयोग बहुत अच्छा काम कर रहा था. लेकिन जब ये लोग हार जाते हैं तब सवाल खड़े करते हैं और आरोप लगाते हैं. उन्होंने कहा कि सपा की सबसे बड़ी पीड़ा चुनाव हारना तो है ही, उसे बड़ी पीड़ा यह है कि ये जानते हैं कि इनका मूल वोटर अब इनसे दूर जा चुका है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग हो या दलित समाज सभी ने सपा को छोड़ने का काम किया है. ये लोग मुसलमान को भी सिर्फ वोटर समझते हैं.
‘लाल टोपी वालों के काले कारनामे जनता जान चुकी’
वहीं कुंदरकी पर हुए मतदान को लेकर उन्होंने कहा कि वहां उनके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है, बीजेपी को सबसे ज्यादा वोट मिला है. उन्होंने कहा कि ये लोग कहते हैं कुंदरकी में गड़बड़ी हुई है तो पोस्टल बैलेट एक उदाहरण है. पोस्टल बैलेट में बीजेपी प्रत्याशी को 68 वोट मिले हैं जबकि सपा उम्मीदवार को महज 29 वोट मिलें है. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि जिस तरह हमें पोस्टल बैलेट में 70 फीसदी और सपा को 30 फीसदी वोट मिला, वहीं रुख ईवीएम में भी चला. इसका जबाब इनके पास नहीं है. उन्होंने कहा कि लाल टोपी वालों के काले कारनामे जनता जान चुकी है, अब इन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी.
– India Samachar
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