अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर हमला बोलते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सीनियर सलाहकार दिमित्री सुसलोव ने कहा कि बाइडेन जानबूझकर रूस को भड़का रहे हैं. सुसलोव ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि यूक्रेन और रूस के बीच संभावित बातचीत न हो सके. राष्ट्रपति के सलाहकार ने यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौजूदगी से भी इनकार किया.
दिमित्री सुसलोव ने कहा कि रूस हमेशा युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौजूदगी से इनकार करता है, लेकिन अगर मान लिया जाए कि युद्ध में वे शामिल भी हैं, तो भी अमेरिका को यूक्रेन को रूस के अंदर हमला करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए थी.
पुतिन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
रूस के राष्ट्रपति के सलाहकार ने कहा कि पुतिन द्वारा कही गई बातों को पश्चिमी देशों और अमेरिका को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. पुतिन ने कहा था कि अगर पश्चिमी देशों के हथियारों से रूस के अंदर हमला होता है, तो रूस हथियार देने वाले देशों पर भी उचित कार्रवाई करने का अधिकार होगा.
किस बात पर भड़का है रूस
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल खत्म होने से दो महीने पहले यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों से रूस के अंदर हमला करने की इजाजत दे दी थी। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही इस इजाजत की मांग कर रहा था, लेकिन अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस की कड़ी प्रतिक्रिया के डर से इसकी इजाजत नहीं दे रहे थे। लेकिन अब अमेरिका ने अपने पहले के रुख को बदलते हुए इसकी इजाजत दे दी।
रूस ने बदला अपना डॉक्ट्रिन
अमेरिका के फैसले के बाद रूस ने अपने न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में बदलाव करते हुए यह नियम जोड़ा कि अगर रूस पर कोई देश किसी विदेशी हथियार से हमला करता है, तो रूस हथियार देने वाले देश को भी निशाना बना सकता है और उस पर न्यूक्लियर हमला कर सकता है. रूस के इस कदम को अमेरिका के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया था. हालांकि रूस ने कहा था कि उसके डॉक्ट्रिन में बदलाव का यह मतलब नहीं है कि वह किसी पर हमला करने जा रहा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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