अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर एक के बाद एक उन फैसलों को मंजूरी दे रहे हैं जो कई महीनों से लंबित थे. कुछ दिनों पहले यूक्रेन को रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति देने के बाद अब अमेरिका यूक्रेन को एंटी पर्सनल लैंडमाइन सप्लाई करने जा रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक जल्द ही वॉशिंगटन एंटी पर्सनल माइन कीव को सौंप देगा, लेकिन इसके यूक्रेनी क्षेत्र में ही इस्तेमाल करने की अनुमति होगी जिससे तेजी से आगे बढ़ रही रूसी सेना को रोका जा सके. साथ ही अमेरिका ने यूक्रेन को घनी आबादी वाले इलाकों में इसके इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है.
क्या है एंटी पर्सनल लैंडमाइन?
एंटी-पर्सनल लैंडमाइन, दुश्मन के खिलाफ जमीन के नीचे बिछाया गया जाल है, जिसे किसी व्यक्ति के नजदीक आने पर विस्फोट किया जा सकता है. आम तौर पर जमीन की सतह के नीचे दबे ये विस्फोटक किसी व्यक्ति के कदम पड़ते ही ब्लास्ट हो जाते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन को ‘नॉन-पर्सिस्टेंट’ (अस्थायी) लैंड माइन के सप्लाई को मंजूरी दी है, जो कि कुछ दिनों या हफ्ते में खुद ही नष्ट हो जाता है या फिर इसकी बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है. जिससे नागरिकों को नुकसान की आशंका कम होती है.
एंटी पर्सनल लैंडमाइन को एक ऐसे हथियार के तौर पर देखा जाता है जो संघर्ष खत्म होने के बाद कई सालों तक नागरिकों नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है. 1997 में हुए ओटावा कन्वेंशन, जिसे माइन बैन ट्रीटी के नाम से भी जाना जाता है में इसके इस्तेमाल, निर्माण, भंडारण और स्थानांतरण को प्रतिबंधित किया गया था. खास बात ये है कि यूक्रेन समेत करीब 164 देशों ने ओटावा संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन कई बड़ी शक्तियों ने इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किया है, इनमें अमेरिका, रूस, चीन, साउथ कोरिया, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं.
युद्ध भड़काना चाह रहे हैं बाइडेन?
बाइडेन के इस फैसले के बाद उन पर युद्ध को भड़काने के आरोप लग रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति का यह फैसला ऐसे समय पर आया जब क्रेमलिन सूत्रों ने दावा किया कि पुतिन, ट्रंप के साथ यूक्रेन सीजफायर डील पर बातचीत के लिए तैयार हैं. इससे पहले बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी, जबकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन इसे लेकर कई बार पश्चिमी देशों को चेतावनी दे चुके हैं. पुतिन ने हाल ही में रूस के न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन में बदलाव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अगर परमाणु संपन्न देश के समर्थन से रूस पर हमला होता है तो वह ऐसी स्थिति में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है.
पुतिन की परमाणु चेतावनी के बावजूद बाइडेन एक के बाद एक ऐसे फैसले कर रहे हैं जिससे युद्ध खत्म होने की संभावना कम और बढ़ने की आशंका ज्यादा दिखती है.
बाइडेन के फैसले पर सवाल क्यों?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जो अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में खुद एंटी-पर्सनल लैंडमाइन के इस्तेमाल के खिलाफ थे और उन्होंने ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए कोरियन प्रायद्वीप के बाहर इन हथियारों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया था. उन्होंने ऐसे समय में यह फैसला किया है जब डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर व्हाइट हाउस में वापसी की तैयारी कर रहे हैं और वह यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. कुछ दिनों पहले जब बाइडेन ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी, तब ट्रंप के बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने इसे तीसरा विश्वयुद्ध शुरू करवाने का प्रयास बताया था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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