सरयू राय और बन्ना गुप्ता. (फाइल फोटो)
झारखंड में विधानसभा चुनाव के बीच जमशेदपुर पश्चिम (वेस्ट) सीट पर कांग्रेस और जेडीयू ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा. इस सीट से जेडीयू उम्मीदवार सरयू राय ने कहा कि मैं एनडीए गठबंधन का प्रत्याशी हूं, इसलिए (रघुवर दास से) मेरी पुरानी रंजिश इस चुनाव में अप्रासंगिक हो गई है. वो रंजिश मन में रह सकती है पर व्यवहार में वो स्थिति इस बार बिल्कुल बदल गई है.
सरयू राय ने कहा कि पांच साल में रघुवर दास से मेरा कोई सीधा संबंध नहीं बना, कभी बातचीत भी नहीं हुई. मेरी वो नाराजगी व्यक्तिगत नहीं बल्कि सरकार को लेकर थी. सरकार में होने वाले कुछ निर्णयों को लेकर थी. मतभेद के कारण एक मंत्री अगर कोई सवाल उठा रहा है तो सही बात है कि सीएम को अच्छा नहीं लगेगा. तो उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. अपनी जगह वो भी सही थे मैं भी सही था. पर आज ये बातें अप्रासंगिक है.
हमारा लक्ष्य झारखंड में सरकार बनाना
बीजेपी के नेता मानते हैं कि जमशेदपुर ईस्ट सीट उनके लिए आसान है और वो किसी को भी खड़ा करके वहां से जिता लेंगे. मुझे संकेत दिया गया कि मैं जमशेदपुर पश्चिम चला जाऊं ताकि जमशेदपुर ईस्ट और वेस्ट दोनों सीट निकल जाए. हमारा लक्ष्य झारखंड में सरकार बनाना है. एनडीए के कहने पर मैं जमशेदपुर वेस्ट आ गया नहीं तो मेरा जमशेदपुर ईस्ट से ही चुनाव लड़ने का मन था.
झारखंड में लागू होना चाहिए यूसीसी
यूसीसी पर सरयू राय ने कहा कि यह झारखंड में लागू होना चाहिए. बेहतर है कि आदिवासी समाज को इससे बाहर रखा जाएगा. अगर भारत सरकार तय कर लेगी तो हेमंत सोरेन यूसीसी और एनआरसी लागू करने से रोक नहीं सकते हैं. इस चुनाव में झारखंड में यूसीसी बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया पर राष्ट्रीय स्तर पर ये मुद्दा है.
परिवारवाद की नई परिभाषा
बीजेपी ने वंशवाद और परिवारवाद की नई परिभाषा गढ़ी है कि एक परिवार अगर सत्ता का केंद्र बनकर सत्ता को नियंत्रित करता है तो वह परिवारवाद है. ऐसे में लालू परिवार, हेमंत सोरेन परिवारवाद के उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा नहीं उनकी पत्नी लड़ रही हैं तो परिवारवाद का आरोप नहीं लगता.
उन्होंने कहा कि कोल्हान बेल्ट में इस बार बीजेपी आधे से ज्यादा सीटें जीतेगी. 2019 में आदिवासी समाज ने मान लिया था कि तत्कालीन बीजेपी सरकार उनके हितों के खिलाफ काम कर रही है पर इस बार वो स्थिति नहीं है. इस बार बीजेपी के ज्यादा सीटें जीतने की गुंजाइश है.
सरयू राय इस बार लड़ाई से बाहर
जमशेदपुर वेस्ट सीट पर काग्रेस उम्मीदवार बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय इस बार लड़ाई में है ही नहीं. कहीं उनकी जमानत ना जब्त हो जाए. वह हमारे लिए नहीं बल्कि बीजेपी के लिए चुनौती हैं. क्योंकि उन्होंने बीजेपी को नेस्तनाबूद करने का संकल्प लिया था. उसी वजह से लोकसभा चुनाव में बीजेपी के धनबाद और चतरा के उम्मीदवार को हराने का प्रयास किया था. सरयू राय खुद रघुवर दास के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते थे और खुद इन पर प्राथमिकी दर्ज है.
बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर साधा निशाना
कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि इस बार भी उन्होंने जमशेदपुर ईस्ट में बीजेपी उम्मीदवार (रघुवर दास की बहू) को हराने के लिए अपने करीबी लोगों को खड़ा किया है. ये तो धनबाद से टिकट और कांग्रेस का समर्थन चाहते थे पर हमारी पार्टी ने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरयू राय भगोड़े हैं, यहां से भागकर जमशेदपुर ईस्ट गए, वहां से भागकर इस बार जमशेदपुर वेस्ट आए हैं. जनता ऐसे रणछोड़ को समर्थन नहीं करती है.
हिमंत बिस्वा सरमा को बताया चाइनीज पेन
बीजेपी ने प्रण किया है कि सभी दलों से भ्रष्टाचारियों को अपनी पार्टी में लाकर सदाचारी बना देंगे. छगन भुजबल, मधु कोड़ा, अजीत पवार, हेमंत बिस्वा सरमा इसके उदाहरण हैं. कांग्रेस उम्मीदवार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह चाइनीज पेन हैं, लिखो और फेको. हिमंत बिस्वा सरमा आदिवासी की बात करते हैं, तो असम के आदिवासियों को एसटी का दर्जा क्यों नहीं देते.
यूसीसी बीजेपी का चुनावी स्टंट
वहीं यूसीसी पर उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का चुनावी स्टंट है और नैरेटीव सेट करने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं. अगर घुसपैठ हो रही है तो बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स केंद्र सरकार के तहत काम करता है या झारखंड सरकार के अंतर्गत? घुसपैठ हुई है तो बीजेपी सरकार की जवाबदेही है. अगर कोई घुसपैठ हुई है तो केंद्र सरकार इस्तीफा दे.
इंडिया गठबंधन की सरकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि वो कत्ल करते हैं तो चर्चा नहीं होती, हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम. बीजेपी के लोग इंडिया गठबंधन और राहुल गांधी से डरे हुए हैं. झारखंड में फिर से इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. बीजेपी 22 सीटों तक सिमट जाएगी.
– India Samachar
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